आरक्षण पर यूपी विधानसभा में सत्ता और विपक्षी सदस्यों के बीच जमकर तकरार
सपा-बसपा की दोस्ती पर तीखा प्रहार करते हुए विधान परिषद में नेता सदन दिनेश शर्मा ने प्रमुख विपक्ष दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों को खुली चुनौती दी।
लखनऊ (जेएनएन)। यूपी विधानसभा के दोनों सदनों में आरक्षण पर सत्ता और विपक्षी सदस्यों के बीच जमकर तकरार हुई। विधानसभा में विपक्ष ने उच्च शिक्षा में भर्तियों में रोस्टर व्यवस्था लागू करने से दलितों- पिछड़ों को आरक्षण लाभ नहीं मिल पाने और भाजपा पर षडयंत्र के तहत आरक्षण खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाया। इसको लेकर हंगामे के बाद सपा व बसपा ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर सदन से बहिर्गमन किया। उधर विधान परिषद में कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
विधान परिषद में गूंजा एएमयू मुद्दा
सपा-बसपा की दोस्ती पर तीखा प्रहार करते हुए विधान परिषद में नेता सदन डॉ.दिनेश शर्मा ने प्रमुख विपक्ष दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों को खुली चुनौती दी। यह कहते हुए कि हम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में दलितों के लिए आरक्षण लागू करेंगे। यदि आप दलित हितैषी हैं तो एएमयू में दलितों के आरक्षण के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कराइये। हम इसे केंद्र सरकार को बढ़ाएंगे। सपा ने भाजपा को दलित और पिछड़ा विरोधी बताते हुए उस पर इन वर्गों को आरक्षण से वंचित करने का आरोप लगाया और इस मुद्दे पर काम रोक चर्चा कराने की मांग की थी।नेता विरोधी दल अहमद हसन, सपा के राजपाल कश्यप, राजेश यादव और जितेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह सरकारी नौकरियों में आरक्षण का कोटा लागू नहीं कर रही है।
आरक्षण का नया रोस्टर यूजीसी ने लागू किया
वहीं विश्वविद्यालयों में भी आरक्षण का नया रोस्टर लागू कर दलितों और पिछड़ों को वहां भी नौकरी पाने से वंचित कर रही है। जवाब में नेता सदन ने पहले तो सपा पर तंज किया कि उसने दलित-पिछड़ों के चक्कर में एजेंडे से अल्पसंख्यकों को निकाल दिया। फिर कहा कि सपा को दलितों और पिछड़ों की अब इसलिए फिक्र हो रही है क्योंकि देश में सबसे ज्यादा दलित और पिछड़ा वर्ग के विधायक और सांसद भाजपा के हैं। भाजपा ने अति दलित को राष्ट्रपति बनवाया। देश के प्रधानमंत्री भी पिछड़ा वर्ग से हैं। सपा को दलितों की चिंता इसलिए भी हो रही है क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे मुद्रा योजना के तहत कम से कम दो दलितों को लोन अवश्य दें। देश की आजादी के बाद राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन भी भाजपा सरकार ने कराया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में आरक्षण का नया रोस्टर यूजीसी ने लागू किया है।
कार्यकर्ताओं के उत्पीडऩ पर सपा का बहिर्गमन
इससे पहले सपा ने सरकार पर आरोप लगाया कि उपचुनावों में हार से तिलमिला कर वह सपा कार्यकर्ताओं और पार्टी से जुड़े छात्रनेताओं का उत्पीडऩ कर रही है और उन्हें फर्जी मुकदमों में फंसा रही है। सपा के अहमद हसन, राम सुंदर दास और आनंद भदौरिया ने कहा कि शामली में सरकार के मंत्री के दबाव में सपा के जिला पंचायत सदस्य शेर सिंह राणा के खिलाफ जानलेवा हमला करने का फर्जी मुकदमा दर्ज कराया गया है। जवाब में नेता सदन ने ऐसी सभी घटनाओं के बारे में सदन को तथ्यों से अवगत कराया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
विधानसभा में आरक्षण पर तकरार
विधानसभा में आरक्षण पर सत्ता व विपक्षी सदस्यों में भी तकरार हुई। विपक्ष का आरोप था कि उच्च शिक्षा में भर्तियों में रोस्टर व्यवस्था लागू करने से दलितों- पिछड़ों को आरक्षण लाभ नहीं मिल पा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा षडयंत्र के तहत आरक्षण खत्म करने में लगी है। करीब आधा घंटे चले हंगामे के बाद सपा व बसपा ने सरकार विरोधी नारेबाजी कर सदन से बहिर्गमन किया। प्रश्नकाल के बाद कार्यस्थगन प्रस्ताव लाते हुए नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने आरोप लगाया कि रोस्टर व्यवस्था के बाद दलितों व पिछड़ों का आरक्षण 50 प्रतिशत से घटकर पांच फीसद तक जा पहुंचा। आरक्षण विरोधी रोस्टर को लागू करके दलितों और पिछड़ों के खिलाफ साजिश की जा रही है। उन्होंने बलिया, गोरखपुर व इलाहाबाद विश्वविद्यालयों में एक माह में की गयी नियुक्तियों को निरस्त करने की मांग की। बसपा दल नेता लालजी वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा बाबा साहब द्वारा दिए आरक्षण के अधिकार को समाप्त करने का यथा संभव प्रयास किया जा रहा है।
नारेबाजी की और बहिर्गमन
भाजपा की मंशा आरक्षण को रद्दी की टोकरी में डालने है जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। सपा के संग्राम सिंह ने नियुक्तियों का विवरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में जाति विशेष को सर्वाधिक लाभ पहुंचा है। विपक्ष के आरोपों पर सत्ता पक्ष की ओर से प्रतिरोध किया गया तो विपक्षी भी अपनी सीटों पर खड़े होकर हंगामा करने लगे। आरोप प्रत्यारोप का दौर बढ़ा तो संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि जिस शासनादेश को लेकर विपक्ष हंगामा कर रहा है वहां 2016 में सपा के शासनकाल में जारी किया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा आरक्षण को किसी सूरत में कम न होने देगी। खन्ना के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं था। उनका कहना था कि सरकार सदन को गुमराह कर रही है। माहौल शांत करने के लिए संसदीय कार्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि शासनादेश का परीक्षण कराया जाएगा और अन्याय न होने दिया जाएगा। इस पर भी विपक्ष ने एतराज जताते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की और बहिर्गमन किया।