विदा हो गया दक्षिण पश्चिम मानसून
लखनऊ जेएनएन। चार माह का दक्षिण पश्चिम मानसून कुछ विलंब से मंगलवार को उत्तर प्रदेश से विदा ह
लखनऊ, जेएनएन। चार माह का दक्षिण पश्चिम मानसून कुछ विलंब से मंगलवार को उत्तर प्रदेश से विदा हो गया। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मानसून ने बिहार से भी विदाई ले ली। इस बार हालांकि दक्षिण पश्चिम मानसून उत्तर प्रदेश में उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। मानसून के बादल उत्तर प्रदेश पर कम मेहरबान रहे। इसके चलते सामान्य के मुकाबले लगभग 24 फीसद कम बारिश रिकॉर्ड की गई, वहीं राजधानी में भी बारिश ने इस बार बेरुखी दिखाई। सामान्य के मुकाबले 43 फीसद कम बारिश हुई।
लखनऊ का इस बार का बारिश का गणित देखें तो यहां सामान्य के मुकाबले लगभग 43 फीसद कम बारिश रिकॉर्ड की गई। सामान्य तौर पर जहां 856.2 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए थी, वहीं इसकी लगभग आधी 494.4 मिलीमीटर बारिश ही इस बार रिकॉर्ड की गई।
दरअसल, दक्षिण पश्चिम मानसून खासतौर पर उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में उम्मीद बनकर आता है। कृषि के लिहाज से जून से सितंबर तक चार महीने बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसीलिए कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था के मद्देनजर सभी को दक्षिण पश्चिम मानसून का जबरदस्त इंतजार रहता है। साथ ही यह गुणा भाग भी लगाया जाता है यह मानसून कैसा रहेगा। बहरहाल इस बार मानसून की कुछ बेरुखी अवश्य रही, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि अगले बरस फिर मानसून के बादल प्रदेश की सरजमीं पर झूम के बरसें।
मानसून की विदाई के साथ ही मौसम भी नरम होने लगा है। सुबह खूबसूरत होने लगी है और हल्की हल्की गुलाबी ठंड से दिन की शुरुआत हो रही है। बुधवार को राजधानी में अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से दो डिग्री अधिक रहा। न्यूनतम तापमान भी सामान्य से एक डिग्री अधिक 19.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम साफ है और आने वाले दिनों में हवा का रुख बदलेगा जिससे तापमान में कमी आएगी।