खुशखबरी : उत्तर प्रदेश में बढ़ गए 51 फीसद से अधिक हाथी, तीन साल बाद हुई गणना में मिले 352
उत्तर प्रदेश के जंगल हाथियों को रास आने लगे हैं। यही वजह है कि राज्य में हाथियों के कुनबे में 51 फीसद से अधिक का इजाफा हुआ है।
लखनऊ, जेएनएन। वन्यजीव प्रेमियों के लिए उत्तर प्रदेश से अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश के जंगल हाथियों को रास आने लगे हैं। यही वजह है कि राज्य में हाथियों के कुनबे में 51 फीसद से अधिक का इजाफा हुआ है। प्रदेश में हाथियों की संख्या अब 352 हो गई है। तीन साल बाद हुई गिनती में इस बार 120 हाथी ज्यादा मिले हैं। वर्ष 2017 में प्रदेश में 232 हाथी ही मिले थे। यह पहला मौका है जब उत्तराखंड और यूपी ने एक साथ हाथियों की गणना कराई।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के जंगलों में हाथी उत्तराखंड व नेपाल के जंगलों से आते हैं। हाथी को प्रतिदिन 150 किलो चारा व 200 लीटर पानी चाहिए होता है। इसलिए वे अपने भोजन व पानी की तलाश में उत्तर प्रदेश के जंगलों में आ जाते हैं। हाथियों को आबो-हवा व यहां मौजूद खान-पान उन्हें यहां खींच लाता है। इस बार हाथियों की गणना छह, सात व आठ जून को कराई गई थी। इसके आंकड़े मंगलवार को फाइनल कर दिए गए।
हाथियों की गणना लखीमपुर खीरी, बहराइच, बिजनौर, नजीबाबाद, पीलीभीत, शिवालिक आदि वन प्रभाग में हुई थी। हाथी कुछ समय के लिए सहारनपुर के शिवालिक में डेरा जमा लेते हैं तो कभी उत्तराखंड के राजाजी पार्क में चले जाते हैं। इसी प्रकार बिजनौर में मिलने वाले हाथी कभी उत्तराखंड के जिम कार्बेट पार्क में चले जाते हैं तो कभी लैंसडाउन। दुधवा में भी जो हाथी मिलते हैं वे कभी यहां रहते हैं तो कभी नेपाल के जंगलों में चले जाते हैं।
ऐसे होती है गणना : हाथियों को एक दिन में न्यूनतम 200 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। गणना का समय गर्मियों में रखा जाता है, जब पानी के स्थान सीमित होते हैं। जंगल में बड़े जलाशयों पर हाथी दिन में एक बार जरूर आते हैं। इसलिए इन्हीं जलाशयों के नजदीक वन विभाग की टीम गणना के लिए मौजूद रहती है।
कहां कितने मिले हाथी
- दुधवा टाइगर रिजर्व : 149
- अमानगढ़ टाइगर रिजर्व : 82
- बिजनौर वन प्रभाग, नजीबाबाद: 103
- शिवालिक वन प्रभाग, सहारनपुर : 18
- कुल योग : 352