LockDown 5.0 in Lucknow: पहले दिन 583 यात्री लेकर दौड़ी गोमती एक्सप्रेस, लखनऊ मेल और पुष्पक भी हुई रवाना
लॉकडाउन पांच में पहली बार गोमती एक्सप्रेस लखनऊ मेल और पुष्पक हुई रवाना यात्रियों ने ली राहत की सांस।
लखनऊ, जेएनएन। बीती 22 मार्च से बंद चल रही लखनऊ नई दिल्ली की लाइफ लाइन गोमती एक्सप्रेस सोमवार को स्पेशल ट्रेन बनकर दौड़ पड़ी। सुबह ठीक छह बजे रेलवे का ग्रीन सिगनल मिलते ही लोको पायलट और गार्ड ने एक दूसरे से हरी बत्ती का मिलान किया। दोनों ने एक दूसरे को वायरलेस सेट पर संदेश पास किया आैर फिर गोमती एक्सप्रेस अगले पड़ाव की ओर रवाना हो गई। नियमित संचालन की जगह गोमती सोमवार को अपने उस पुराने लय में दौड़ती दिखी, जब इस ट्रेन को लखनऊ नई दिल्ली रूट की राजधानी कहा जाता था। देर शाम मुंबई की मुख्य ट्रेन पुष्पक भी 437 याित्रयों संग रवाना हो गई।
रेलवे ने सोमवार से 100 जोड़ी नियमित ट्रेनों को उसी टाइम व नाम से स्पेशल बनाकर शुरुआत की है। लखनऊ से सुबह छह बजे पहली ट्रेन गोमती एक्सप्रेस स्पेशल छूटी। यात्री सुबह साढ़े चार बजे से ही चारबाग स्टेशन पर आ गए थे। सभी याित्रयों की पहले थर्मल स्कैनिंग की गई। गेट पर खड़े टिकट चेकिंग स्टाफ ने याित्रयों के टिकट की जांच की। उनके मोबाइल फोन और टिकट पर कंफर्म सीट होने के बाद ही प्लेटफार्म पर प्रवेश दिया गया। कई यात्री के मोबाइल पर कंफर्म का मैसेज ही नहीं अाया था। ऐसे में आरक्षण चार्ट से उनका मिलान किया गया। लखनऊ से कुल 583 यात्रियों ने यात्रा आरम्भ की। जबकि इस ट्रेन के लिए उन्नाव स्टेशन पर भी इंतजार हो रहा था। ट्रेन तय समय 6:56 बजे उन्नाव पहुंच गई। उन्नाव से 51 यात्री सवार हुए। इसके बाद ट्रेन कानपुर सेंट्रल,पनकी-,रूरा ,झींझक,फफूंद, इटावा,शिकोहाबाद होते हुए 28 मिनट की देरी से गाज़ियाबाद होकर नई दिल्ली पहुंची। पुष्पक एक्सप्रेस और लखनऊ मेल को सोमवार को सैनिटाइज किया गया। एसी के सारे पर्दे हटा दिए गए। एसी बोगियों का तापमान 25 डिग्री रखा गया। वहीं लखनऊ होकर 18 जोड़ी ट्रेनें भी अपने रूट पर रवाना की गईं। पुष्पक एक्सप्रेस में बोगियों के गेट के पास हाथ धोने के लिए वॉश बेसिन के ऊपर ही लि िक्वड सोप की व्यवस्था की गई।
लॉकडाउन में फंसे थे अब निकले
गोमती एक्सप्रेस स्पेशल से नई दिल्ली को सवार हुए संजीव पांडेय एक बड़ी निजी कंपनी में जॉब करते हैं। संजीव पांडेय अपने घर लखनऊ आए थे तो लॉकडाउन में फंस गए। वह गोमती से नई दिल्ली पहुंचे और फिर वहां से सोनीपत आ गए। लखनऊ में एक निजी कंपनी में जॉब करने वाले राहुल जैन के भाई फिरोजाबाद से उनके बच्चों को छोड़ने आए थे। वह यहां फंस गए। गाेमती शुरू हुई तो वह परिवार के सदस्यों को लेकर चले गए। कृष्णा बताते हैं कि उनको परिवार के पास दिल्ली जाना था। लखनऊ में ही रुकना पड़ गया था।