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Global Hand Washing Day : 'जिंदगी से हाथ नहीं है धोना... तो जरूर धोएं हाथ'

कोरोना काल में तो हाथ धोना और भी जरूरी हो गया है क्योंकि अब तो हर कहीं कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है। वहीं डॉक्टरों के मुताबिक डायरिया आंख व त्वचा संबंधी रोगों से बचाव के लिए भी हाथ धोना बहुत जरूरी होता है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 08:17 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 08:17 AM (IST)
Global Hand Washing Day : 'जिंदगी से हाथ नहीं है धोना... तो जरूर धोएं हाथ'
हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है।

लखनऊ, जेएनएन। कुछ भी खाने-पीने से पहले और शौच जाने के बाद हाथों को अच्छी तरह से जरूर धोना चाहिए। कोरोना काल में तो हाथ धोना और भी जरूरी हो गया है क्योंकि अब तो हर कहीं कोरोना वायरस का खतरा मंडरा रहा है। वहीं,  डॉक्टरों के मुताबिक डायरिया, आंख व त्वचा संबंधी रोगों से बचाव के लिए भी हाथ धोना बहुत जरूरी होता है। हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है। इस मौके पर डॉक्टरों ने हाथ धोने और न धोने के नुकसान व फायदों पर चर्चा की।

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बीमारियों से बचने के लिए हाथों की स्वच्छता जरूरी

हमारे हाथों में न जाने कितनी अनदेखी गंदगी छिपी होती हैं, जो किसी भी वस्तु को छूने, उसका उपयोग करने और कई तरह के रोजमर्रा के कामों के कारण होती हैं। यह गंदगी, बगैर हाथ धोए कुछ भी खाने- पीने से शरीर में पहुंच जाती हैं और तमाम तरह की बीमारियों को जन्म देती हैं। यह कहना है, बलरामपुर चिकित्सालय के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. देवेन्द्र सिंह का। वह कहते हैं,  इस साल के ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे की थीम, 'सभी के लिए स्वच्छ हाथ' निर्धारित की गयी है। कोरोना संकट काल में हम सभी ने हाथों की स्वच्छता के महत्व को बखूबी समझा भी है।  कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे प्रभावी तरीका ठीक तरह से हाथ धोना है जिससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक काम हो जाता है।

डब्ल्यूएचओ के वैश्विक सुझावों में कोविड-19 महामारी को रोकने,  नियंत्रित करने और इसे  व्यवहार में लाने के लिए हाथ की स्वच्छता का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए हाल ही में डब्ल्यूएचओ और यूनिसेफ की अगुवाई में ‘हैंड हाइजीन फॉर ऑल ग्लोबल इनिशिएटिव’ कार्यक्रम भी लांच किया गया है। डॉ. देवेन्द्र सिंह कहते हैं, कोरोना संक्रमण के बाद काफी हद तक लोगों ने हाथ की स्वच्छता को अपने व्यवहार में शामिल किया है। कुछ लोगों ने इसे जिम्मेदारी समझकर अपनाया है तो वहीं, कुछ इसे संक्रमण के डर से अपना रहे हैं। सही व अच्छी तरह से हाथ धोने से दस्त, टाइफाइड, पेट संबंधी रोग, आंख के संक्रमण, त्वचा संबंधी रोगों से भी बचाव किया सकता है।
डॉ. देवेन्द्र के अनुसार हाथ धुलने का सही तरीका दो मिनट तक साबुन से छह चरणों में हाथ धोना चाहिए। इसमें सबसे पहले सीधे हाथ पर साबुन लगाकर रगड़ना, उसके बाद उल्टे हाथ, इसके बाद नाखून, फिर अंगूठा, उसके बाद मुट्ठी और अंत में कलाई धोनी चाहिए। इस तरह से अगर हम अपने हाथों को धोएंगे तो निश्चित रूप से 90 प्रतिशत तक बीमारियों से बच सकते हैं। यह संक्रमण से बचाव का बहुत छोटा मगर प्रभावी कदम है।
 
संक्रमण फैलाने का बड़ा जरिया हैं हाथ
ऐशबाग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव कहते हैं, हाथ की स्वच्छता स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है क्योंकि सिर्फ साबुन से अच्छी तरह हाथ धो लेने से ही कई तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। रोगाणु कई माध्यमों से शरीर में पहुंचते हैं। उनमें से बीमारी को शरीर में पहुंचाने का सबसे बड़ा जरिया हाथ भी हैं। जिसकी वजह से सबसे ज्यादा बच्चों में संक्रमण व डायरिया, वायरल संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बना रहता है। लोग दिनभर में कई प्रकार की चीजों को छूते हैं। वहीं, भोजन भी हाथ से ही करते हैं। इन्हीं  हाथों से हम अपने मुंह को भी छूते हैं। इसलिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी यह संक्रमण फैलने का सबसे आसान तरीका बन जाता है। ऐसे में, संक्रमण से बचाव का सही तरीका छह चरणों में ठीक तरह से हाथ धोना है। यही हमारे बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक अच्छी पहल है।
 
क्या कहते हैं आंकड़े : 
द स्टेट ऑफ हैंड वॉशिंग की 2016 की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि भारत के ग्रामीण क्षेत्र में 54 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद हाथ धोती है, वहीं, सिर्फ 13 प्रतिशत आबादी  खाना बनाने से पहले और 27 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोती है। दूसरी ओर शहरी क्षेत्र में 94 प्रतिशत लोग शौचालय के बाद हाथ धोते हैं, 74 प्रतिशत खाना बनाने से पहले और 79 प्रतिशत बच्चों को खाना खिलाने से पहले हाथ धोते हैं।

हाथ धोना कब-कब है जरूरी : 
शौच के बाद , खाना बनाने व खाने से पहले , मुंह, नाक व आंखों को छूने के बाद, खांसने व छींकने के बाद, घर की साफ-सफाई करने के बाद, किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद व पालतू जानवरों को छूने  के बाद हाथों को धोना बहुत जरूरी है।
 
इसलिए मनाते हैं हैंड वॉशिंग दिवस :
हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर हर साल 15 अक्टूबर को हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है। इस दिन की स्थापना वर्ष 2008 में ग्लोबल हैंड वॉशिंग पार्टनरशिप द्वारा की गयी जिसका प्रयास साबुन से हाथ धोने के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है।
 

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