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ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण का होगा प्रकाशन, 200 खंड में होगी प्रकाशित

अयोध्या शोध संस्थान ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के प्रकाशन की तैयारी में लगा हुआ है इसमें कई वर्षों का समय लग सकता है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 12:06 PM (IST)
ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण का होगा प्रकाशन, 200 खंड में होगी प्रकाशित
ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण का होगा प्रकाशन, 200 खंड में होगी प्रकाशित

अयोध्या, जेएनएन। अयोध्या शोध संस्थान इन दिनों 'ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण' के प्रकाशन की तैयारी में लगा हुआ है। रामायण पर केंद्रित इस विश्व ज्ञान कोष के दो सौ खंड प्रकाशित किए जाने की योजना है और इसमें कई वर्ष लगने का अनुमान है, पर शोध संस्थान ने प्रथम खंड छह माह के भीतर प्रकाशित करने का लक्ष्य तय किया है और इसी क्रम में वेबिनार का क्रम संचालित किया जा रहा है। 

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संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी रामतीरथ के अनुसार वेबिनार में देश के विभिन्न हिस्सों के अलावा भगवान राम और रामकथा से सरोकार रखने वाले विद्वानों को शामिल किया जा रहा है। यह एक प्रकार से ग्लोबल इनसाइक्लोपीडिया आफ रामायण की प्रस्तावना की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश की योगी सरकार ने 85 लाख की योजना को मंजूरी दी है। योजना के तहत देश के विभिन्न प्रांतों सहित दुनिया के करीब डेढ़ दर्जन देशों में व्याप्त रामायण की मूर्त-अमूर्त विरासत को संरक्षित किया जाना और उसे प्रामाणिक दस्तावेज के रूप में पेश किया जाना है।

यह विरासत स्थापत्य, विभिन्न प्रकार के शिल्प, साहित्य, संगीत, नाट्यय आदि के रूप में व्याप्त है ही, सामाजिक जीवन में भी प्रवाहमान है। अयोध्या शोध संस्थान के डॉ. वाईपी सिंह ने बताया कि रामायण का यह विहंगम प्रवाह ग्लोबल इंसाइक्लोपीडिया ऑफ रामायण के साथ दस्तावेज के रूप में अक्षुण्ण रखने का प्रयास है।


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