Flood in UP: बहराइच में घाघरा लाल निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर, 85 गांवों में मंडरा रहा बाढ़ का खतरा
यूपी में घाघरा का जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 106.608 मीटर रिकॉर्ड किया गया। शारदा नदी भी लाल निशान से उफान पर हैं। जल स्तर में निरंतर वृद्धि से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है।
बहराइच, जागरण संवाददाता। गुरुवार को तीनों बैराजों से 611902 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इससे एल्गिन ब्रिज पर घाघरा का जलस्तर लाल निशान से 54 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया है। जलस्तर लाल निशान 106.07 मीटर के सापेक्ष 106.608 मीटर रिकॉर्ड किया गया। शारदा नदी भी लाल निशान से उफान पर हैं। जल स्तर में निरंतर वृद्धि से तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है। बाढ़ के चलते महसी तहसील के 65 गांव व मिहींपुरवा के 20 गांवों पर बाढ़ का संकट बढ़ गया है। सरयू ड्रेनेज खंड प्रथम के सहायक अभियंता बीबी पाल ने बताया कि शारदा बैराज से तीन लाख 45 हजार 532, गिरिजापुरी बैराज से दो लाख 53 हजार 482 व सरयू बैराज से12 हजार 888 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।महसी तहसील के पंचदेवरी, मांझा दरियाबुर्द, चिरईपुरवा, बांसगढ़ी, तिकुरी, पिपरी, कोरहवा, कायमपुर, गोलागंज, जोगापुरवा, सिलौटा, तारापुरवा, प्रहलादपुरवा, छत्तरपुरवा, घूरदेवी, भौंरी, संगवा समेत 65 गांवों पर भीषण बाढ़ के संकट के बादल मंडराने लगे हैं।
राजी चौराहा- मंगलपुरवा, गरेठीगुरुदत्त सिंह, लीलापुरवा, महसीटेपरा समेत छह संपर्क मार्गों पर बाढ़ का पानी बह रहा है। मैकूपुरवा, गरेठी, अटोडर प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बाढ़ का पानी घुस गया है। निचले गांवों के लोगों के लोगों ने सुरक्षित स्थानों की तलाश शुरू कर दी है। तहसीलदार डा. सुनील कुमार ने बताया कि बाढ़ प्रभावित गांवों में तहसील प्रशासन हर समस्या से निपटने के लिए मुस्तैद है। जिलाधिकारी डा. दिनेशचंद्र ने एसडीएम महसी एसएन त्रिपाठी को निर्देश दिया कि महसी तहसील के अधिकारी एवं कर्मचारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते रहें। बाढ़ राहत चौकियों एवं शरणालयों को अलर्ट रखें। हर गांवों में नाव एवं नाविकों की तैनाती सुनिश्चित कराएं।
बाढ़ में मदद को पहुंची एनडीआरएफ की टीम: मिहींपुरवा तहसील के 40 गांवों में बाढ़ का पानी अपना कहर बरपा रहा है। घाघरा बैराज के निकट स्थित गांव टापू बन गए हैं। इन गांवों से लोगों को निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए प्रशासन ने एनडीआरएफ टीम को बुलाया है। बुधवार की देर शाम एनडीआरएफ (आपदा मोचन दल) की टीम बिछिया पहुंची। रेस्क्यू शुरू कर दिया गया। तेज लहराें के सामने जवानाें को रेस्क्यू में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लोगों का कहना है कि टीम के पास मौजूद एक मोटरबोट खराब हो गया। दूसरे मोटरबोट के सहारे रेस्क्यू अभियान चलाया गया है। अंधेरा होने पर रेस्क्यू रोकना पड़ा।