UP: डाकिये व ग्रामीण डाक सेवकों के जरिये घर बैठे बनवाएं जीवित प्रमाणपत्र, ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेंशनधारकों के लिए जीवित प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को सुगम और सहज बनाने के निर्देश दिए हैं। पेंशनर्स के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को सुविधाजनक बताते हुए उन्होंने ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए कहा है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेंशनधारकों के लिए जीवित प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को सुगम और सहज बनाने के निर्देश दिए हैं। पेंशनर्स के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को सुविधाजनक बताते हुए उन्होंने ऑनलाइन प्रक्रिया को बढ़ावा देने के लिए कहा है। इससे पेंशनधारक घर बैठे या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर आसानी से पेंशन प्राप्त करते रहेंगे।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि केंद्र सरकार के डाक विभाग के तहत इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आइपीपीबी) द्वारा पेंशनधारकों को जीवित प्रमाण पत्र या डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा उनके द्वार पर उपलब्ध करायी जा रही है। इसके तहत डाकिये या ग्रामीण डाक सेवकों द्वारा स्मार्ट फोन और बायोमीट्रिक डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए खाताधारक के द्वार पर ही बैंकिंग सेवाएं मुहैया करायी जा रही हैं।
डाकिये और ग्रामीण डाक सेवक अब पेंशनधारकों के जीवित प्रमाण पत्र उनके द्वार पर ही बनाने के लिए अधिकृत किये गए हैं। शर्त यह है कि उनकी पेंशन स्वीकर्ता अथॉरिटी डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट स्वीकार करने में सक्षम हो। यह सुविधा मिलने के बाद पेंशनधारकों को इस काम के लिए कोषागार या बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी।
बता दें कि पेंशनधारकों को प्रत्येक वर्ष जीवित होने का प्रमाणप त्र देना पड़ता है। तभी उन्हें पेंशन जारी होती है। पेंशन धारक संबंधित बैंक में जाकर आवेदन फार्म जमा करता है और जीवित होने का प्रमाण पत्र देता है। हालांकि अधिकांश बैंकों ने आधुनिक सिस्टम को अपनाया है। इसके तहत पेंशन धारकों का बायोमीट्रिक सिस्टम से सत्यापन कर रहे हैं। दोनों ही व्यवस्था में पेंशन धारकों को बैंक पहुंचना अनिवार्य होता है। इसके अलावा यदि पेंशनधारक बीमार है या चलने में असमर्थ है तो बैंक मैनेजर घर जाकर सत्यापन करता है।