वाराणसी, आगरा तथा मेरठ में जनवरी में होगा 'गीत रामायण' का कार्यक्रम
मराठी गीत रामायण के रचियता जीडी माडगुलकर व गायक सुधीर फड़के की जन्मशती के अवसर पर श्रद्धांजलि स्वरूप गीत रामायण दो दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश के तीन महानगर में आयोजित किया जायेगा।
लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र सरकार के बीच सांस्कृति समझौते के तहत प्रदेश के तीन महानगरों में गीत रामायण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसका निर्णय राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में आज राजभवन में आयोजित एक बैठक में लिया गया।
मराठी 'गीत रामायण' के रचियता स्वर्गीय जीडी माडगुलकर एवं गायक स्वर्गीय सुधीर फड़के की जन्मशती के अवसर पर श्रद्धांजलि स्वरूप गीत रामायण पर दो दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश के तीन महानगर में आयोजित किया जायेगा। वाराणसी में कार्यक्रम 10-11 जनवरी, आगरा में 13-14 जनवरी तथा मेरठ में 16-17 जनवरी को होगा। इसमें जिसमें स्वर्गीय जीडी माडगुलकर के पुत्र आनन्द माडगुलकर तथा स्वर्गीय सुधीर फड़के के पुत्र श्रीधर फड़के अपनी प्रस्तुति देंगे। 19 जनवरी को आनन्द माडगुलकर लखनऊ में राजभवन में एक दिवसीय हिन्दी भाषा में गीत रामायण की प्रस्तुति भी देंगे।
राज्यपाल राम नाईक के साथ आज बैठक में भातखण्डे संगीत संस्थान अभिमत विश्वविद्यालय, लखनऊ की कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर, अध्यक्ष महाराष्ट्र समाज आगरा अभय पोलावे, संगठन मंत्री सुरेश मोरे, मराठी समाज वाराणसी के संतोष पाटिल व काशी गणेश उत्सव कमेटी वाराणसी के श्री अशोक नेने, महाराष्ट्र समाज लखनऊ के सचिव दिनेश जोशी एवं डॉ. बीएन मिश्र सहित मराठी समाज से जुड़े अन्य लोग भी उपस्थित थे।
राज्यपाल नाईक ने कहा कि वाराणसी, आगरा व मेरठ में गीत रामायण का कार्यक्रम निर्धारित स्थान पर सायं 7.00 बजे से आयोजित किया जायेगा। कार्यक्रम को सुव्यवस्थित तरीके से आयोजित करने के लिये संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी एवं महापौर, वहां स्थित विश्वविद्यालयों के कुलपति से भी सहयोग लिया जायेगा। इस कार्यक्रम के आयोजन में महाराष्ट्र सरकार आर्थिक सहयोग करेगी।
राज्यपाल ने कहा कि यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार के बीच हुए सांस्कृतिक समझौते के अन्तर्गत किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का रिश्ता बहुत पुराना है। भगवान राम का जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ था, पर वनवास के समय पर नासिक के पंचवटी में रहे थे। शिवाजी को महाराष्ट्र में कुछ सरदार छत्रपति राजा मानने के लिए तैयार नहीं थे। काशी से आमंत्रित पण्डित गागा भट्ट ने शिवाजी का राज्याभिषेक कराया तो उन्हें छत्रपति की मान्यता मिली। संगीत के क्षेत्र में महाराष्ट्र के पंडित विष्णु नारायण भातखण्डे ने लखनऊ को अपनी साधना स्थली बनाया तथा देश के एकमात्र भातखण्डे संगीत संस्थान की स्थापना की। उन्होंने कहा की मुुंबई को देश की आर्थिक राजधानी बनाने में उत्तर प्रदेश के लोगों का भी बड़ा सहयोग है।