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यूपी के निकाय क्षेत्रों में घर-घर पहुंचेगी पाइप लाइन से गैस

नगर निकायों में ग्रीन गैस लिमिटेड द्वारा घर-घर पाइप नेचुरल गैस (पीएनजी) पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाई जाएगी।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 22 May 2018 10:38 PM (IST)Updated: Wed, 23 May 2018 06:12 PM (IST)
यूपी के निकाय क्षेत्रों में घर-घर पहुंचेगी पाइप लाइन से गैस
यूपी के निकाय क्षेत्रों में घर-घर पहुंचेगी पाइप लाइन से गैस

लखनऊ (जेएनएन)। स्थानीय निकायों में गैस उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में ग्रीन गैस लिमिटेड द्वारा घर-घर पाइप नेचुरल गैस (पीएनजी) पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाई जाएगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। फिलहाल आगरा और लखनऊ से इसकी शुरुआत होगी।राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि पाइप लाइन बिछाने के लिए आवश्यक गाइड लाइन निर्धारित की गई है। इससे पर्यावरण का संरक्षण होगा। निकायों में भूमिगत पाइप लाइन डालते समय सुरक्षा का प्रबंध किया जाएगा।

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वर्तमान में फिलिंग स्टेशनों से सड़क परिवहन व्यवस्था द्वारा एलपीजी गैस घर-घर पहुंचाई जा रही है। इससे सड़क पर यातायात का दबाव और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। भूमिगत पाइप लाइन डालने के फैसले से सस्ते एवं सुरक्षित ईंधन की आपूर्ति सुलभ होगी और वातावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। पाइप लाइन आधुनिक तकनीक से डाली जाएगी, जिससे भूमि की सतह पर होने वाले क्रियाकलापों में बहुत कम बाधा आएगी। इसमें समय भी कम लगेगा। जहां पर ओपेन कटिंग की जाएगी उस क्षेत्र में पर्याप्त बैरीकेडिंग की जाएगी। अनुमति ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए दी जाएगी जो लोकहित में हो और जिससे जनसुरक्षा और जनसुविधा सुनिश्चित हो। ऐसे स्थलों पर जहां यातायात में व्यवधान उत्पन्न होगा वहां चैम्बर, पोल मार्कर लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भूमिगत पाइप लाइन डालते समय यह भी ध्यान रखा जाएगा कि अन्य भूमिगत सेवाओं को क्षति न पहुंचे। मरम्मत या अन्य संबंधित कार्यों के संपादन के समय जनसुरक्षा का दायित्व संबंधित कंपनी का होगा। किसी भी तरह की दुर्घटना या क्षति के लिए कंपनी जिम्मेदार होगी। यदि कंपनी द्वारा पोल मार्कर और आरसीसी मार्कर पर कोई विज्ञापन प्रदर्शित किया जाता है तो इसके लिए निकाय से अनुमति लेनी जरूरी होगी। 

संस्कृति स्कूल में अब शुरू होगी पढ़ाई

चक गंजरिया सिटी में स्थापित संस्कृति स्कूल में अब सीबीएसई बोर्ड से पढ़ाई का रास्ता आसान हो गया है। मंगलवार को कैबिनेट ने इस स्कूल को चलाने वाली संस्था के नाम जमीन के हस्तानांतरण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बोर्ड से मान्यता के लिए स्कूल के नाम जमीन होने की शर्त थी। वर्ष 2014 में चक गंजरिया में संस्कृति स्कूल की स्थापना का फैसला हुआ था। इसके लिए दस एकड़ जमीन दी गई। यह तय हुआ कि स्थापित होने वाले स्कूल में युवा अफसरों के बच्चों के लिए 50 प्रतिशत और 50 प्रतिशत सामान्य लोगों के बच्चों के लिए सीट आरक्षित रहेगी। यह स्कूल बनकर तैयार हो चुका है। इसमें सीबीएसई बोर्ड की पढ़ाई होनी है। मान्यता के लिए जमीन स्कूल के नाम होनी जरूरी थी, जिस पर कैबिनेट ने मुहर लगा दी। इसमें छात्रावास की भी व्यवस्था रहेगी।

फैजाबाद में विद्युत उपकेंद्र के लिए शिक्षा विभाग ने दी 2.6 हेक्टेयर जमीन 

फैजाबाद में 220 केवीए विद्युत उपकेंद्र के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग 2.633 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराएगा। इसके लिए विभाग को 84.25 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि अक्टूबर 2017 में फैजाबाद में सुचारु विद्युत आपूर्ति के लिए 220 केवीए विद्युत उपकेंद्र की स्थापना का फैसला हुआ था। कैबिनेट ने तय किया है कि इस उपकेंद्र की जमीन के लिए विद्युत विभाग 70 प्रतिशत वित्तीय संस्थाओं और 30 प्रतिशत अपने संसाधन से धन उपलब्ध कराएगा। 18 माह में इस उपकेंद्र को पूरा किया जाना है। 

ई-पाश मशीन लगने के बाद हर माह होगी 100 करोड़ की बचत

राशन की दुकानों पर ई-पाश मशीन लगनी है। शहरी क्षेत्रों में 13 हजार ई-पाश मशीन लगी हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 67 हजार लगाई जानी है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रवक्ता ने बताया कि इस मशीन के लगने के बाद करीब पांच लाख फर्जी राशन कार्ड होल्डरों के राशन कार्ड निरस्त किये गए हैं। पूरी परियोजना स्थापित होने के बाद सरकार को प्रति माह 100 करोड़ रुपये की बचत होगी और पात्रों को इसका लाभ मिल सकेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में 2.90 करोड़ कार्ड होल्डरों को पारदर्शी तरीके से सरकार की योजनाओं का लाभ मिलेगा। 

हरिद्वार में 100 कक्षों का बनेगा नवीन पर्यटन भवन

हरिद्वार में 100 कक्षों का नवीन पर्यटन भवन बनेगा। उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच समझौते के आधार पर यह प्रक्रिया शुरू की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पर्यटकों को हरिद्वार में विशेष सुविधा दी जाएगी। यह नवीन पर्यटन केंद्र हरिद्वार के होटल अलकनंदा परिसर में 2964 वर्ग मीटर में बनेगा। 40 करोड़ रुपये की लागत से यह दो वर्ष में तैयार होगा। नवीन पर्यटन भवन बनने के बाद होटल अलकनंदा उत्तराखंड सरकार के सिपुर्द कर दिया जाएगा। नवीन पर्यटन केंद्र बनाने के लिए सिंचाई विभाग की जमीन ली जा रही है। इस पर्यटन केंद्र का संचालन उत्तर प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा। 


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