लखनऊ : कोरोना ने बदला कपड़ा कारोबार का तरीका, सोशल मीडिया बना आर्डर लेन-देन का प्लेटफार्म
रेडीमेड कपड़ों के आइटम में तो बिना बाहर घूमे बात बिल्कुल ही नहीं बनती थी। लेकिन बीते तकरीबन नौ माह में व्यापार का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। कारोबारियों का सहारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म बना जो चल रही सहालग तक पूरी तरह से ट्रेंड में रहा है।
लखनऊ, (नीरज मिश्र)। ज्यादा दिन पहले की बात नहीं है जब व्यापारी गुजरात, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता आदि प्रांतों के विभिन्न शहरों में कारोबार के लिए पहुंचते थे। कम के कम तीन दिन रुकने के बाद डिजाइन और गुणवत्ता देख कपड़ों का आर्डर बुक किया जाता था। रेडीमेड कपड़ों के आइटम में तो बिना बाहर घूमे बात बिल्कुल ही नहीं बनती थी। लेकिन बीते तकरीबन नौ माह में व्यापार का तरीका पूरी तरह से बदल गया है। कारोबारियों का सहारा सोशल मीडिया प्लेटफार्म बना जो चल रही सहालग तक पूरी तरह से ट्रेंड में रहा है। कारोबारी कहते हैं कि इससे न केवल समय की बचत हुई बल्कि खर्च में भी कमी आई। सभी मोबाइल स्क्रीन पर खेल रहे हैं।
लॉन और होटलों में लगने वाला फेयर इस साल रहा गुम
इस बार मेला लगा न लॉन में फेयर लगी। साल में कम से कम दो बार कपड़ों की सेल लगाई जाती थी। इस मेले में सस्ते और डिजाइनर कपड़ों की खरीद के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटते थे। हाल यह रहता था कि अवकाश के दिनों में वुलेन सेल इस कदर चरम पर होती थी कि मेला परिसर में जगह नहीं होती थी। इस बार कपड़ों की फेयर के लिए न तो लॉन बुक हुए और न मेला लगा।
करोड़ों का कारोबार हुआ व्हाटसअप पर
त्योहारी सीजन हो या सहालग के पहले बड़ी-बड़ी कंपनियों के एजेंट बाजार में माल और उसकी डिजाइन के साथ बाजार में अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत करते थे। मुलाकातों के दौर के बीच सैंपल बुक होते थे और बड़े-बड़े होटलों में बुकिंग कर कारोबारी फैसले अंतिम रूप लेते थे। लेकिन इस बार महज दस से पंद्रह फीसद ही एजेंट आए। उनके हाथ भी कुछ ज्यादा नहीं आया।
ऑफर का बाजार, कारोबार की राह और आसान
शारीरिक दूरी के नियमों को देखते हुए ग्राहकों ने इस बार सहालग और त्योहार के वक्त शॉपिंग मॉल से दूरी बनाई। इसे देख कारोबारियोंने जमकर ऑफर दिए। शेरवानी के साथ मैंचिंग के मास्क दिए तो पगड़ी, नागरा और स्टोल मुपत। कारोबारी कहते हैं कि सोशल मीडिया के जरिए जो आर्डर दिए गए वे 80 फीसद तक कारगर साबित हुए। एक बार में ही ग्राहकों ने डिजाइन और रंग पसंद किया।
कारोबारी बोले
इस सहालग सेल अच्छी रही । कह सकते हैं कि व्हाटसअप और सोशल मीडिया प्लेटफार्म ज्यादा कारगर रहे। सूरत, मुंबई, दिल्ली तीनों कपड़ा मंडियों से सबसे ज्यादा कारोबार इसी माध्यम से हुआ। वैरायटी, रंग और जो डिजाइन मंगाए गए ग्राहकों ने हाथों हाथ लिया। -अशोक मोतियानी, लखनऊ कपड़ा व्यापार मंडल के अध्यक्ष
साड़ी और लहंगा कारोबार ठीक रहा, लेकिन लिमिटेड पीरियड के लिए रहा परचेसिंग पूरी की पूरी सोशल मीडिया के माध्यम से ही रही। पैसा बचा और बेहतरीन माल और डिजाइन बाजार में आए लोगों ने खूब पसंद किया। कोरोना काल में जो व्यापार लूज किया था वह कवर होता नजर आया। -सुशील गुरनानी, साड़ी और लहंगा कारोबारी, अमीनाबाद
कोराेना काल में डरकर माल खरीदा। यही हाल बनाने वालों का था। उन्होंने भी डरकर माल तैयार किया।इसके कारण जनवरी और फरवरी में खरीदें गए माल का स्टॉक भी लोगों ने लिया। इसमें फंसी बड़ी रकम छूटी और सस्ता माल भी ग्राहकों को उपलब्ध हुआ। सीजन अच्छा रहा। -उत्तम कपूर, वरिष्ठ उपाध्यक्ष लखनऊ व्यापार मंडल