गंगा दशहरा पर भगवान को लगेगा 'आम' का भोग, घरों में होगी पूजा
गंगा दशहरा में दशहरी आमों का खास महत्व है भागवान की आरती में लगेगा आम का भोग।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी का मलिहाबाद क्षेत्र दशहरी आम के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। गंगा दशहरे के दिन बागवान आरती के साथ भगवान को आम आपूर्ति करते हैं।
बागवान राजकुमार व उपेंद्र सिंह ने बताया कि मान्यता है कि गंगा दशहरे के दिन आम पूरी तरह तैयार हो जाता है, जिसकी बिक्री होने लगती है। गंगा दशहरा पर राजधानी में आदि गंगा गोमती के पास स्थित मंदिरों में पूजन के साथ आम चढ़ाया जाता है। इस बार एक जून को आम की आढ़त के साथ गंगा दशहरा पड़ रहा है। इस अवसर पर व्यापारी पूजन के साथ आम का प्रसाद भी एक-दूसरे को बांटेंगे।
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लॉकडाउन के चलते मंदिर बंद हैं। ऐसे में लोग घरों में ही आम का पूजन करेंगे। आदि गंगा गोमती की आरती भी घरों में होगी। कुडिय़ाघाट व मनकामेश्वर उपवन घाट के साथ ही खदरा के शिव मंदिर घाट पर प्रतीकात्मक रूप से कोरोना से मुक्ति के लिए आरती की जाएगी।
महंत देव्या गिरि ने बताया कि कोरोना संक्रमण की वजह से श्रद्धालुओं को मनकामेश्वर घाट पर आने से मना किया गया है। प्रतीकात्मक रूप से आदि गंगा की आरती के साथ सोशल मीडिया के माध्यम से श्रद्धालुओं के बीच इसे प्रसारित किया जाएगा।
50 रुपये तक बिक सकता है दशहरी
मलिहाबाद बेल्ट में मौसम के चलते दशहरी आम का उत्पादन पचीस से तीस प्रतिशत कम हुआ। इसके बावजूद देश के दूसरे शहरों में आम पचास रुपये किलोग्राम तक बिक सकताा है। दरअसल, कोरोना संकट के चलते निर्यात को लेकर असमंजस है, इसलिए कारोबारी इसे बाहर भेजने के बजाए देश के दूसरे शहरों में भेजना अधिक मुफीद मान रहे हैं। निर्यातक नदीम का कहना है कि दशहरी का कुल कारोबार ढाई लाख से लेकर तीन लाख क्विंटल तक है। कुल उत्पादन का अधिकांश भाग देश में खपत होता है।