Move to Jagran APP

G20 Summit: दुनिया को 'ब्रांड यूपी' से परिचित कराएगा जी-20 सम्मेलन, सीएम योगी ने दिए योजना बनाने के निर्देश

UP Latest News उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए विविध कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जी-20 सम्मेलन होने जा रहा है। इसकी अध्यक्षता करने का अवसर भारत को मिला है। यह वैश्विक समारोह उत्तर प्रदेश के लिए अपार संभावनाओं से भरा है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 10:48 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 10:48 PM (IST)
G20 Summit: दुनिया को 'ब्रांड यूपी' से परिचित कराएगा जी-20 सम्मेलन, सीएम योगी ने दिए योजना बनाने के निर्देश
G20 Summit 2022: भारत की अध्यक्षता में प्रस्तावित जी-20 सम्मेलन पर यूपी की नजर।

G20 Summit: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। विश्व के सबसे बड़े राष्ट्रों के समूह जी-20 की अध्यक्षता का मौका भारत को मिलते ही उत्तर प्रदेश ने भी इसे बड़े अवसर के रूप में भुनाने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मान रहे हैं कि दिसंबर, 2022 से दिसंबर, 2023 तक होने जा रहा जी-20 सम्मेलन दुनिया काे 'ब्रांड यूपी' से परिचित कराने का अवसर होगा। लखनऊ, वाराणसी, आगरा और ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित विभिन्न आयोजनों को देखते हुए योगी ने बेहतर कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया है।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सरकारी आवास पर मंगलवार को विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई। इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश के समग्र विकास के लिए विविध कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए सीएम योगी ने कहा कि दिसंबर, 2022 से दिसंबर, 2023 की अवधि में जी-20 सम्मेलन होगा। इसकी अध्यक्षता करने का अवसर भारत को मिला है। यह वैश्विक समारोह उत्तर प्रदेश के लिए अपार संभावनाओं से भरा है।

यह ब्रांड यूपी को दुनिया से परिचित कराने का शानदार मंच है। सीएम योगी ने कहा कि 'नए भारत के नए उत्तर प्रदेश' की संभावनाओं से पूरी दुनिया परिचित हो, इसके लिए हमें प्रदेश की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विशेषताओं को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करना होगा। इस संबंध में एक बेहतर कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक वर्ष की अवधि में वाराणसी, लखनऊ, आगरा और ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग कार्यक्रम होने प्रस्तावित हैं। इन जिलों में 'अतिथि देवो भव' की भारतीय भावना के अनुरूप आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी की जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को 'मदर आफ डेमोक्रेसी' की संज्ञा दी है।

उत्तर प्रदेश के पास समृद्ध इतिहास की विरासत है। जी-20 के मंच पर प्रदेश की प्राचीन कला, संस्कृति, इतिहास, पुरातात्विक विशिष्टताओं का संकलन कर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। इस काम के लिए आवश्यकता के अनुसार इतिहासकारों, पुरातत्व विशेषज्ञों, कला-संस्कृति के मर्मज्ञ जनों का समूह बनाकर शोध-अध्ययन कराया जाए।

योगी सरकार प्रदेश में नए शहरों की स्थापना पर भी विचार कर रही है। इसका जिक्र सीएम ने उच्चस्तरीय बैठक में किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए शहरीकरण एक अहम आयाम है। पिछले दिनों शासन स्तर पर विभिन्न नगरीय निकायों की सीमा का विस्तार किया गया।

साथ ही कई नए नगरीय निकाय भी बने हैं। भविष्य को देखते हुए हमें नए शहरों की स्थापना और विकास की दिशा में नियोजित प्रयास करना होगा। नगर विकास विभाग व आवास विभाग द्वारा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में नए शहरों की स्थापना के लिए अध्ययन कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। इसके साथ ही शहरी विकास प्राधिकरणों की सीमा के विस्तार की दिशा में भी प्रक्रिया शुरू करें।

सीएम योगी ने यह भी दिए निर्देश

  • प्रवासी भारतीय दिवस पर प्रवासी भारतीयों को 'उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना' से जोड़ने के प्रयास करने चाहिए।
  • प्रधानमंत्री की 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए यूपी की सांस्कृतिक विशेषताओं से अन्य राज्यों को परिचित कराएं। सांस्कृतिक टोलियां दूसरे राज्यों में जाएं और वहां की टोलियों को यहां आमंत्रित करें।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रविधानों के अनुरूप स्कूल और उच्च शिक्षण संस्थानों में यथाशीघ्र पाठ्यक्रम को संशोधित किया जाए। चार वर्षीय स्नातक की व्यवस्था को लागू करने के लिए आवश्यक बदलाव किया जाए।
  •  प्राविधिक और चिकित्सा शिक्षा से जुड़े पाठ्यक्रम मातृभाषा में तैयार कराए जाएं। सभी उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों के लिए अकादमिक गुणवत्ता का सत्यापन अनिवार्य किया जाना चाहिए।
  • डिजिटल कनेक्टिविटी को और बेहतर करने के लिए हर गांव में टेलीकाम टावर/आप्टिकल फाइबर के विस्तार की कार्ययोजना तैयार करें।
  • प्राकृतिक खेती की महत्वाकांक्षी योजना से कृषि विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाए। नेचुरल फार्मिंग की महत्वाकांक्षी योजना के लिए यथाशीघ्र बोर्ड का गठन किया जाए।
  • कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाना होगा। आयात पर निर्भरता कम करने के लिए दलहन, तिलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हमें प्रयास तेज करने होंगे।

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.