कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ कोरोना योद्धा का हुआ अंतिम संस्कार
कोरोना के इलाज में प्लाज्मा थेरेप चढ़वाने वाले उरई के चिकित्सक डॉ सुनील अग्रवाल का भैसा कुंड लखनऊ में हुआ अंतिम संस्कार।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में कोरोना संक्रमण के चलते 13 दिन वेंटीलेटर पर रहने के बाद किडनी फेल्योर व यूरिनरी इंफेक्शन से जिंदगी की जंग हारने वाले उरई के चिकित्सक डॉ सुनील अग्रवाल का परिवारजनों ने कोविड-19 के प्रोटोकॉल के तहत भैंसाकुंड स्थित विद्युत शवदाह गृह में शनिवार को सुबह 10.30 बजे अंतिम संस्कार कर दिया। इस दौरान केजीएमयू समेत अन्य संगठन के सदस्यों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। परिवार के केवल तीन लोग ही इसमें उपस्थित रहे। बेटा जो स्वयं भी 2016 बैच का जार्जियन है। उनके साथ डॉक्टर के छोटे भाई और भतीजे शामिल हुए।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आइएमए) की तरफ से उनके बैचमेट रहे डॉ. पीके गुप्ता, सीएमओ कार्यालय के बैचमेट व मित्र डॉ. केके सक्सेना, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसके रावत, नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन के डॉ. भूपेंद्र सिंह व डॉ. प्रभात, रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की तरफ से डॉ. राहुल भारत, केजीएमयू में डॉ. सुनील का इलाज करने वाले मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिमांशु उपस्थित रहे। सभी ने उनकी आत्मा की शांति के लिए अपनी श्रद्धांजलि दी। डॉक्टर बेटे के साथ उसके मित्र ने भी कंधा दिया। इस दौरान पत्नी, बेटी और बेटे बेहाल रहे। डॉ. पीके गुप्ता ने कहा कि वह कोरोना की जंग लड़ते मृत हुए। इसलिए उन्हें शहीद का दर्जा मिले। अब उनके अस्थिकलश को उरई ले जाया जाएगा। आईएमए ने प्रशासन से राजकीय सम्मान देने की मांग की है।
रोये इलाज करने वाले डॉक्टर
केजीएमयू में संक्रमाक रोगों के विभागाध्यक्ष व उनका इलाज कर रहे डॉ. डी हिमांशु अंतिम संस्कार के समय भावुक हो गए और रोने लगे। उनको देख अन्य डॉक्टरों की आंखें भी नम हो गई। 58 वर्षीय चिकित्सक की हालत 26 अप्रैल को प्लाज्मा थेरेपी से ठीक हो रही थी। शनिवार को उनकी रिपोर्ट भी निगेटिव आ गई थी, लेकिन वह जिंदगी की जंग हार गए। कोरोना पॉजिटिव पत्नी संक्रमणमुक्क होकर शनिवार को ही डिस्चार्ज कर दी गई। बेटे व बेटी 14 दिन क्वारंटाइन रहने के बाद शनिवार को पिता व मां की रिपोर्ट निगेटिव आने की सूचना पर उनसे मिलने आने वाले थे, लेकिन यह हसरत पूरी नहीं हो सकी।