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प्लास्टिक कचरे से बनेगा फ्यूल, लखनऊ में पीपीपी मॉडल पर लगेगा प्लांट

प्लास्टिक कचरे से फ्यूल बनाने वाले प्रोजेक्ट को कैबिनेट ने बुधवार को हरी झंडी दे दी है। पीपीपी मॉडल पर यह प्रोजेक्ट लखनऊ में स्थापित किया जाएगा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 10 Oct 2018 08:59 PM (IST)Updated: Wed, 10 Oct 2018 11:56 PM (IST)
प्लास्टिक कचरे से बनेगा फ्यूल, लखनऊ में पीपीपी मॉडल पर लगेगा प्लांट
प्लास्टिक कचरे से बनेगा फ्यूल, लखनऊ में पीपीपी मॉडल पर लगेगा प्लांट

लखनऊ (जेएनएन)। प्लास्टिक कचरे से फ्यूल बनाने वाले प्रोजेक्ट को कैबिनेट ने बुधवार को हरी झंडी दे दी है। पीपीपी मॉडल पर यह प्रोजेक्ट लखनऊ में स्थापित किया जाएगा। इसमें प्लास्टिक कचरे से फ्यूल बनाकर प्रदूषण को भी नियंत्रित किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लग गई। कैबिनेट ने इसके टेंडर के प्रपत्र के साथ ही अनुबंध के प्रारूप को भी मंजूरी दे दी है। इस प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार पर कोई भी वित्तीय भार नहीं आएगा। इससे निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। 

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कर चोरी में लिप्त व्यापारी का पंजीयन तत्काल निलंबित होगा 

कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 में संशोधन करते हुए उप्र माल एवं सेवा कर (संशोधन) अध्यादेश, 2018 के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह प्रस्ताव भविष्य में विधान मंडल के समक्ष मंजूरी के लिए आएगा। इस संशोधन के जरिये 24 धाराओं का चार श्रेणी में वर्गीकरण किया गया है। इनमें कुछ धाराओं में भी संशोधन किया गया है। कर चोरी में लिप्त व्यापारी का पंजीयन तत्काल निलंबित होगा। अपर मुख्य सचिव आलोक सिन्हा ने बताया कि कुछ धाराओं को व्यवहारिक बनाने की पहल की गई है। पूर्व में सभी पंजीकृत व्यापारियों द्वारा अपंजीकृत से की गई खरीद पर रिवर्स चार्ज के आधार पर देयता का प्रावधान था लेकिन, सरकार ने अब अधिसूचित मामलों में ही अपंजीकृत से खरीद पर देयता का प्रावधान किया है। मूल अधिनियम में कम्पोजिशन की अधिकतम सीमा एक करोड़ रुपये थी जिसे बढ़ाकर अब डेढ़ करोड़ कर दिया गया है। पांच करोड़ टर्न ओवर वाले को अब तीन माह में एक बार रिटर्न दाखिल करने की सुविधा रहेगी। ऐसे व्यापारी जिनके द्वारा अपने कुल टर्नओवर का दस प्रतिशत या पांच लाख जो भी ज्यादा हो, की सीमा तक सेवाओं की आपूर्ति किये जाने पर कंपोजिशन की सुविधा अनुमन्य होगी। पहले उत्तराखंड के अलावा अन्य विशेष श्रेणी के राज्यों के लिए पंजीयन के लिए दस लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई थी सामान्य सीमा 20 लाख रुपये थी। अब इसे संशोधित करते हुए विशेष श्रेणी के राज्यों में जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, मेघालय व सिक्किम के लिए 20 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की गई है। पहले एक पैन पर एक ही पंजीयन हो पाता था लेकिन, अब कई पंजीयन कराने की सहूलियत मिलेगी। 


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