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डिजाइनर फूड नहीं खराब करेंगे सेहत, अब मानक पूरा करने पर ही आएंगे बाजार में lucknow news

एफएसएसएआइ ने आइआइटीआर के सहयोग से ऐसे खाद्य उत्पादों के लिए बनाया गाइडेंस डॉक्यूमेंट।वैज्ञानिक मानकों पर खरा उतरने के बाद ही अब कोई डिजाइनर फूड बाजार में उतारा जा सकेगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 07:23 PM (IST)Updated: Mon, 05 Aug 2019 06:02 PM (IST)
डिजाइनर फूड नहीं खराब करेंगे सेहत, अब मानक पूरा करने पर ही आएंगे बाजार में lucknow news
डिजाइनर फूड नहीं खराब करेंगे सेहत, अब मानक पूरा करने पर ही आएंगे बाजार में lucknow news

लखनऊ, (रूमा सिन्हा)। सेहत के लिए फायदेमंद बताकर अब फोर्टीफाइड फूड यानी डिजाइनर फूड का व्यापार नहीं किया जा सकेगा। इस तरह के खाद्य पदार्थ को बाजार में आने से पहले सुरक्षा की कसौटी पर कसा जाएगा। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड ऑफ इंडिया (एफएसएसएआइ) ने भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर) के सहयोग से ऐसे खाद्य उत्पादों के लिए 'गाइडेंस डॉक्यूमेंट' तैयार किया है। इसमें सुझाए गए मानकों पर खरा उतरने के बाद ही अब कोई डिजाइनर फूड बाजार में आ सकेगा। 

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एफएसएसएआइ की मंशा है कि किसी फूड में प्रयोग किए जाने वाले नोवेल तत्व की सुरक्षा का परीक्षण कर लिया जाना जरूरी है, जिससे इसके इस्तेमाल से किसी तरह के नुकसान की गुंजाइश न बचे। आइआइटीआर के वैज्ञानिक डॉ.एसपी सिंह कहते हैं कि डिजाइनर या नोवेल फूड का मतलब है कि उसे तैयार करने में किसी नई टेक्नोलॉजी या नए पदार्थ का प्रयोग किया गया हो। इसे उक्त प्रोडक्ट की गुणवत्ता बढ़ाने या पौष्टिकता बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये कितने सुरक्षित हैं, इसे परखा नहीं जाता है। एफएसएसएआइ का फोकस इन खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता के साथ यह भी परखना है कि इनका सेवन कितना सुरक्षित है। 

पिछले वर्ष भोपाल से आई थी शिकायत 

जूस, आटा, नमक, मिल्क आदि खाद्य पदार्थों को अतिरिक्त विटामिन, मिनरल का प्रयोग कर फोर्टीफाइड किया जाता है। निर्माता कई बार इनमें कुछ ऐसी नई चीजोंं का प्रयोग करते हैं जिसका पहले कभी उस रूप में प्रयोग ही नहीं किया गया हो। जैसे मछली के तेल के स्थान पर क्रिल ऑयल। सेब का सिरका या जूस तैयार करने के लिए अल्ट्रा वॉयलेट किरणोंं का प्रयोग भी ऐसा ही है। पिछले वर्ष भोपाल में इसी तरह फोर्टीफाइड नमक से लोगों की तबीयत बिगडऩे और खाना खराब होने की खबरें आईं थीं। 

क्‍या कहते हैं ज‍िम्‍मेदार 

सीएसआइआर-आइआइटीआर के न‍िदेशक प्रो. आलोक धावन ने बताया क‍ि देश-विदेश में इन दिनों डिजायनर फूड बाजार में उतारने की होड़ लगी है। अब देश में इस तरह के किसी उत्पाद और उसे तैयार करने की विधि को वैज्ञानिक परीक्षण की कसौटी से गुजरना होगा। डिजाइनर फूड सेवन के लिए सुरक्षित पाए जाने के बाद ही बाजार में लाया जा सकेगा।  

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