नए साल से लोहिया संस्थान में बंद हो जाएगा मुफ्त इलाज, पर्चे का शुल्क एक के बजाय 100 रुपये Lucknow News
लोहिया हॉस्पिटल ब्लॉक में अभी एक रुपये का पर्चा बन रहा है। यह भी संस्थान की तरह 100 रुपये का बनेगा।
लखनऊ, जेएनएन। लोहिया संस्थान में मुफ्त इलाज बंद होगा। ऐसे में पर्चे का जहां शुल्क बढ़ेगा। वहीं जांच व दवा का भी भुगतान करना पड़ेगा। कारण, अब हॉस्पिटल ब्लॉक में भी अब समान नियम लागू करने की तैयारी है। इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
दरअसल, गोमतीनगर में 467 बेड का लोहिया संयुक्त चिकित्सालय संचालित था। यहां एक रुपये के पर्चे पर मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता था। वहीं लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया के मानकों को पूरा करने के लिए लोहिया अस्पताल का विलय कर दिया गया।
अगस्त में जीओ जारी कर स्वास्थ्य विभाग से लोहिया अस्पताल को लोहिया संस्थान प्रशासन ने टेक ओवर कर लिया। इस दौरान दो वर्ष तक पूर्व की भांति मरीजों को एक रुपये पर्चे पर मुफ्त इलाज का दावा किया गया था। इसके बाद शासन के निर्णय पर सेवाएं जारी रखने का हवाला दिया गया। ऐसे में लोहिया अस्पताल का नाम बदलकर हॉस्पिटल ब्लॉक कर दिया गया। इसमें पूर्व की भांति मरीजों को एक रुपये के पर्चे पर इलाज मुहैया कराया जा रहा है। मगर, संस्थान प्रशासन ने अब हॉस्पिटल ब्लॉक में भी दरें लागू कर इलाज उपलब्ध कराने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे शीघ्र ही गवर्निग बॉडी में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
हर रोज पांच हजार मरीज को मिल रहा मुफ्त इलाज
अस्पताल की ओपीडी में हर रोज पांच हजार के करीब मरीज इलाज के लिए आते हैं। यहां के मेडिसिन, जनरल सर्जरी, आथरेपेडिक, ईएनटी, नेत्र रोग विभाग, त्वचा रोग विभाग, मानसिक रोग विभाग, बाल रोग विभाग, ऑब्स एंड गाइनी, रेडियोलॉजी, पैथोलॉजी की मुफ्त सेवाएं मिल रही हैं। वहीं फ्री में दवा देने का भी प्रावधान है।
एक रुपये के बजाय 100 में बनेगा अब पर्चा
लोहिया हॉस्पिटल ब्लॉक में अभी एक रुपये का पर्चा बन रहा है। यह भी संस्थान की तरह 100 रुपये का बनेगा। एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड के भी शुल्क लागू होंगे। इससे मरीजों को परेशानी होगी।
क्या कहते हैं लोहिया संस्थान के निदेशक ?
लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. एके त्रिपाठी ने बताया कि लोहिया हॉस्पिटल ब्लॉक में भी संस्थान के नियम लागू करने पर विचार चल रहा है। एक संस्थान में दो नियम लागू होने पर संचालन में समस्याएं आ रही हैं। ऐसे में आयुष्मान, असाध्य रोग व बीपीएल मरीजों को मुफ्त इलाज योजना के तहत मिलेगा। शेष को शुल्क देना होगा। अभी इसे लागू करने में दो माह का वक्त लग सकता है।