Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP: पराली के बदले निश्शुल्क गोबर की खाद योजना दिखी कारगर, अन्य जिलों में आजमाने की सिफारिश

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 10 Nov 2020 07:15 AM (IST)

    पराली जलाने की समस्या से निजात पाने के लिए अपनाए जा रहे कई उपायों में उन्नाव माडल अधिक कारगर व प्रभावी दिख रहा है। यहां गोशालाओं में पराली पहुंचाने वा ...और पढ़ें

    Hero Image
    पराली के बदले निश्शुल्क गोबर की खाद योजना दिखी कारगर

    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। पराली जलाने की समस्या से निजात पाने के लिए अपनाए जा रहे कई उपायों में उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले का मॉडल अधिक कारगर और प्रभावी दिख रहा है। यहां गोशालाओं में पराली पहुंचाने वाले किसानों को निश्शुल्क गोबर खाद उपलब्ध करायी जा रही है। अब तक 125 गोशालाओं में 1675 क्विंटल पराली पहुंच चुकी है और किसानों को दो ट्राली पराली देने पर एक ट्राली गोबर खाद उपलब्ध करायी जा रही है। इस मॉडल को अन्य जिलों में भी आजमाने की सिफारिश की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गत दिनों ट्वीट कर किसानों से पराली न जलाने व पर्यावरण के अनुकूल माध्यमों से उसके उत्पादक उपयोग का प्रण लेने की अपील की थी। दूसरे ट्वीट में उन्होंने पराली जलाने से संबंधित कार्रवाई में किसानों के साथ दुर्व्यवहार या उत्पीड़न स्वीकार नहीं करने पर बल दिया था। इसी क्रम में गोशालाओं में पराली पहुंचाने की योजना ने गति पकड़ी आंरभ की। कानपुर देहात में तीन हजार और उन्नाव में 1675 क्विंटल से ज्यादा पराली किसानों ने गौशालाओं में पहुंचाई।

    दो दर्जन जिलें पराली एकत्रिकरण में फिसड्डी : अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने पराली निस्तारण के लिए स्काउट व गाइड और एनएसएस जैसी संस्थाओं से जागरूकता अभियान चलाने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी अपने स्तर पर निर्णय लेकर पराली प्रबंधन को दुरस्त करें। उधर की सरकार की सख्ती के बाद भी दो दर्जन जिलों में पराली एकत्र कर गौशालाओं में पहंचाने का कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा है। इन जिलों में मुजफ्फरनगर, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, हाथरस, बदायूं, रामपुर, प्रतापगढ़, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट, वाराणसी, गाजीपुर, मीरजापुर, देवरिया, बलिया, आजमगढ़, मऊ, रायबरेली, महाराजगंज भी शामिल है।

    50 से 80 फीसद तक अनुदान भी : वायु प्रदूषण कम करने के लिए पराली को लेकर निस्तारित करने के लिए कृषि यंत्रों पर 50 से 80 फीसद तक अनुदान भी दिया जा रहा है।