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'एलडीए से लेआउट पास है' के नाम पर करोड़ों की ठगी

अधिग्रहीत भूमि, भविष्य की योजना वाली भूमि पर प्लाटिंग के नाम पर ठगे जा रहे लोग, मोहान रोड में कंपनियों की प्लाटिंग में फंसे सैकड़ों लोग, कलियाखेड़ा में एक कंपनी ने दलित के नाम दर्ज भूमि बेची, हुआ मुकदमा

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Mar 2018 12:33 PM (IST)Updated: Sun, 25 Mar 2018 12:34 PM (IST)
'एलडीए से लेआउट पास है'  के नाम पर करोड़ों की ठगी
'एलडीए से लेआउट पास है' के नाम पर करोड़ों की ठगी

ऋषि मिश्र (लखनऊ)। 'एलडीए से लेआउट पास है', केवल इसी एक वाक्य के सहारे राजधानी में हजारों लोगों से करोड़ों रुपये ठगे जा चुके हैं। मोहान रोड जहां प्राधिकरण, भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पिछले करीब पांच साल से कर रहा है, वहां शहर की एक पुरानी रीयल एस्टेट कंपनी ने पहले से ही प्लाटिंग की हुई थी। ऐसे सैकड़ों आवंटी अब फंस चुके हैं। इसी तरह से सरोजनी नगर का एक प्रकरण सामने आया है। इसमें एलडीए का झांसा देकर अनुसूचित जाति के व्यक्ति की भूमि बेची गई। इसी तरह की गड़बड़ कंछल कॉलोनाइजर्स ने भी की थी। जिस पर उपभोक्ता फोरम ने सख्त आदेश दिया था। फिर भी ऐसे दर्जनों कॉलोनाइजर्स की ठगी जारी है। मगर प्राधिकरण अपने स्तर से इनको रोकने की नाममात्र कोशिश कर रहा है। कई जगह कॉलोनियां सील करने का आदेश किया गया है फिर भी इनका विस्तार होता ही जा रहा है।

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कुछ इस तरह से फंस रहे लोग

मोहान रोड के एक पीड़ित कृष्णा नगर निवासी त्रिभुवन नारायण तिवारी बताते हैं कि पीआरएस इंफ्राटेक नाम की कंपनी के अधिकारियों ने मोहान रोड के कलियाखेड़ा में सस्ती जमीन मासिक किस्तों पर देने का झांसा दिया था। पहले 10 हजार 200 रुपये लिये। इसके बाद में पांच हजार रुपये मासिक किस्त लेकर करीब 6.24 लाख रुपये उनसे ऐंठे। अब न तो जमीन दे रहे हैं और न उनकी धन वापसी हो रही है। इस प्रकरण में उन्होंने काकोरी थाने में केस भी दर्ज करवाया था। उनके साथ में विमला साव, बालकृष्ण तिवारी, सुषमा ओझा, समीना खातून भी पीड़ित हैं। इसी तरह से तिलक नगर की कामिनी देवी और राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने भी मोहान रोड पर साहू डेवलपर्स से जमीन खरीदी है। मगर अब प्राधिकरण ने यहां अपनी कॉलोनी बनाने का फैसला किया। जबकि 2014 में जमीन की रजिस्ट्री हमारे नाम की गई। अब हमको प्राधिकरण से जो मुआवजा मिलेगा, उसमें बमुश्किल हमारी धन वापसी हो सकेगी। उसके लिए भी हजार चक्कर काटने होंगे।

सस्ती और किस्तों वाली जमीन के झांसे से बचें

200, 300 और 500 रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से किस्तों पर उपलब्ध प्लाटों के झांसे से बचें।

एलडीए से लेआउट पास करा कर बनाई गई किसी भी कॉलोनी में इतने सस्ते भूखंड उपलब्ध नहीं होते हैं।

कोई भी अगर आपको भूखंड बेच रहा है तो उससे सबसे पहले एलडीए से पास लेआउट से संबंधित परमिट नंबर मांगे। अगर नंबर न दें तो आप प्राधिकरण के मानचित्र अनुभाग में संपर्क कर इसकी जानकारी दें।

याद रखें अगर आप कहीं भी जमीन खरीद रहे हैं तो रजिस्ट्री के साथ ही दाखिल-खारिज अपने नाम पर जरूर करवा लें। ताकि भविष्य में आपको मुआवजा मिल सके। वरना एलडीए अधिग्रहण करने पर मुआवजा मूल स्वामी को ही देगा।

एलडीए से लेआउट जहां भी पास नहीं होगा, वहां भविष्य में मूलभूत सुविधाओं की दिक्कत बनी रहेगी।

लविप्रा के उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने बताया कि मोहान रोड योजना, प्राधिकरण की अर्जित कॉलोनी है। यहां किसी का भी दखल नहीं है। हम यहां निशानदेही करवा रहे हैं। जो भी यहां के जमीन मालिक हैं उनके लिए तय मुआवजा जिला प्रशासन को जमा करवाया जा चुका है। जो उनको मिलेगा। प्राधिकरण यहां बहुत जल्द ही विकास शुरू करवा देगा।


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