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विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़ा में बर्खास्त, बागपत में दर्ज कराया गया मुकदमा

Fraud By KGBV Teacher Anamika Shukla शिक्षा विभाग ने अनामिका शुक्ला के 25 जिलों के स्कूलों में काम करके एक करोड़ रुपये सैलरी लेने के मामले में कार्रवाई की गई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 05 Jun 2020 04:00 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jun 2020 09:29 PM (IST)
विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़ा में बर्खास्त, बागपत में दर्ज कराया गया मुकदमा
विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़ा में बर्खास्त, बागपत में दर्ज कराया गया मुकदमा

लखनऊ, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में साइंस की टीचर अनामिका शुक्ला के एक साथ 25 जिलों में कार्य करने तथा सैलरी लेने के मामले में सरकार की जांच जारी है। बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने आरोपित शिक्षिका और उसके अभिलेखों का दुरुपयोग करने वाली अन्य शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर उनके खिलाफ एफआआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है।

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बेसिक शिक्षा मंत्री ने बताया कि कि पहले सभी केजीबीवी में शिक्षकों की उपस्थिति रजिस्टर में मैनुअली दर्ज होती थी। इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं होती थी। एक की जगह दूसरी शिक्षिका अटेंडेंस भर देती थीं। इस अनियमितता पर अंकुश लगाने के लिए विभाग ने प्रेरणा ऐप के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति की डिजिटल मॉनिटरिंग शुरू की। इसमें पाया गया कि बागपत में बड़ौत क्षेत्र में स्थित केजीबीवी की विज्ञान शिक्षिका अनामिका शुक्ला लंबे समय से से अनुपस्थित हैं। यह तथ्य सामने आने पर उनका वेतन भुगतान रोक दिया गया। फिर मीडिया में खबर आई कि अनामिका शुक्ला प्रदेश के 25 अलग-अलग कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में नौकरी कर रही हैं और वहां से मानदेय भी प्राप्त कर रही हैं।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि बागपत में मामला उजागर होने पर शिक्षिका को बर्खास्त कर दिया गया है और उसके खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करा दी गई है। जिन अन्य स्थानों पर इस मामले में गड़बड़ी का पता चला है वहां भी एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए हैं।

विजय किरण आनंद ने कहा कि शिक्षिका संपर्क में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि शिक्षिका अनामिका शुक्ला प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति की वास्तविक समय पर निगरानी के बावजूद वह ऐसा कर पाईं। मार्च में इस शिक्षिका के बारे में शिकायत प्राप्त करने वाले एक अधिकारी ने कहा कि एक शिक्षक उपस्थिति को कई जगह कैसे चिह्नित कर सकता है, जबकि उन्हेंं प्रेरणा पोर्टल पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करनी होती है। सभी स्कूलों में रिकॉर्ड के अनुसार, शुक्ला एक साल से अधिक समय तक इन स्कूलों के रोल पर थीं। मैनपुरी की रहने वाली अनामिका शुक्ला को आखिरी बार फरवरी तक रायबरेली के केजीबीवी में काम करते हुए पाया गया था, जब उनका फजीर्वाड़ा सामने आया था।

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उन्होंने कहा कि शिकायतों के अनुसार, मैनपुरी की मूल निवासी एक महिला शिक्षक ने 25 से अधिक स्कूलों में काम किया और एक करोड़ रुपये से अधिक का वेतन प्राप्त किया। ऊपर आरोप हैं कि उन्होंने अंबेडकरनगर, बागपत, अलीगढ़, सहारनपुर, प्रयागराज और अन्य स्थानों में कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय में विज्ञान शिक्षिका के रूप में काम किया। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में शिक्षकों को अनुबंध पर नियुक्त किया जाता है और इन सभी आवासीय विद्यालयों में वेतन के रूप में 30,000 रुपये मिलते हैं।

बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश कुमार द्विवेदी ने कहा कि विभाग ने जांच का आदेश दिया गया है और आरोप सत्य होने पर शिक्षक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार के आने के बाद से ही डिजिटल डेटाबेस पारदर्शीता के लिए बनाया जा रहा है।

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इस मामले अगर विभाग के किसी भी अधिकारी की कोई संलिप्तता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। केजीबीवी स्कूलों में अनुबंध के आधार पर भी नियुक्तियां की जाती हैं। विभाग इस शिक्षिका के बारे में सही तथ्यों का पता लगा रहा है। 


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