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केजीएमयू में डॉक्टर और तीमारदारों में मारपीट, रेजीडेंट की हथेली में फ्रैक्चर

केजीएमयू में भर्ती कैंसर मरीज को पीजीआइ रेफर के बाद बिगड़ा माहौल आधा दर्जन युवकों को बुलाकर हंगामा और मारपीट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 18 Jun 2020 09:08 PM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 07:59 AM (IST)
केजीएमयू में डॉक्टर और तीमारदारों में मारपीट, रेजीडेंट की हथेली में फ्रैक्चर
केजीएमयू में डॉक्टर और तीमारदारों में मारपीट, रेजीडेंट की हथेली में फ्रैक्चर

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में भर्ती ब्लड कैंसर पीड़ित युवक का इलाज चल रहा था। वहीं बोनमैरो ट्रांसप्लांट के लिए मरीज को पीजीआइ रेफर की सलाह दी गई। इसके बाद परिवारजनों का दिमाग उखड़ गया। इलाज को लेकर हल्की कहासुनी हुई। इसके बाद आधा दर्जन युवकों के साथ धावा बोलकर मारपीट की। इसमें एक रेजीडेंट की हथेली में फ्रैक्चर आया है।

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आलमबाग निवासी 28 वर्षीय युवक को दस दिन पहले ओपीडी में लाया गया। हिमेटोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने जांच की। रिपोर्ट में ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई। इसके बाद सोमवार को शताब्दी-फेज टू के वार्ड में भर्ती किया। युवक इलाज शुरू किया गया। वहीं मरीज की हालत स्थिर पर दो दिन पहले पीजीआइ में बोनमेरो ट्रांसप्लांट की सलाह दी। गुरुवार को राउंड पर आए सीनियर डॉक्टर ने पीजीआइ को रेफर करने की बात कहरकर चले गए। इस दरम्यान जूनियर डॉक्टर-तीमारदारों में अनबन हो गई।

युवकों को बुलाया, डॉक्टर से शुरू की धक्का-मुक्की

सीनियर रेजीडेंट डॉ. भूपेंद्र के मुताबिक गुरुवार शाम को तीन बजे अचानक आधा दर्जन युवक आ धमके। वह वार्ड में वीडियो बनाने लगे। साथ ही वीडियो के सामने इलाज उपलब्ध न होने की बात कहने का दबाव डालने लगे। आरोप है इस बीच कहासुनी बढ़ने पर दो महिलाएं आगे आईं। उन्होंने डॉ. भूपेंद्र सिंह को पकड़ लिया। वहीं युवकों ने डॉ. भूपेंद्र से धक्का-मुक्की शुरू कर दी।

जूनियर रेजिडेंट के चढ़ा प्लास्टर

डॉ. भूपेंद्र के मुताबिक जूनियर रेजिडेंट डॉ. धर्मेंद्र बीच-बचाव के लिए आए। आरोप हैं कि युवकों ने डॉ. धर्मेंद्र की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद रेजीडेंट डॉ. संजय बचाव के लिए। इस दौरान  के हथेली में चोट लगने से फ्रैक्चर हो गया।

पारिवारिक मसलों में हस्तक्षेप के आरोप

मारपीट की घटना पर पुलिस आई। दो लोगों को पकड़ कर ले गई। उधर परिवार के सदस्य ने डॉक्टरों पर घर के मामले में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि एक दिन पहले तीमारदार गायब रहे। एक गर्भवती महिला देखरेख कर रही थी। इस दौरान परिवार के पुरुष सदस्यों से मरीज की देखरेख करने के लिए सलाह दी गई। कारण, महिला को दौड़भाग करने में दिक्कत हो रही थी। परिवारजनों के आरोप निराधार हैं।


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