मुहर्रम 2019: कर्बला से मिलता है जुल्म के खिलाफ लड़ने का हौसला Lucknow News
चार मुहर्रम पर शुरू हुआ मजलिसों का दौर। मौलाना सैफ अब्बास ने लखनऊ में इमामबाड़ा जन्नतमआब में किया खिताब।
लखनऊ, जेएनएन। कर्बला के शहीदों का गम मनाने के लिए सुबह से ही अजादारों का सैलाब उमड़ पड़ा। काले कपड़ों में नंगे पांव अजादारों ने विक्टोरिया स्ट्रीट की सिलसिलेवार मजलिस कर शहजादी को पुरसा पेश किया। बुधवार चार मुहर्रम की मजलिस में हबीब इब्ने मजाहिर ही शहादत सुन गमजदा अजादारों की आंखें छलक उठीं।
अकबरी गेट स्थित इमामबाड़ा जन्नतमआब सैयद तकी साहब में अशरे की चौथी मजलिस को मौलाना सैफ अब्बास ने खिताब किया। उन्होंने कहा कि कुरान में अल्लाह ने फरमाया है कि तुम हमारी इताअत करो हमारे रसुल कि इताअत करो और जिसे हमने वली बनाया है उसकी इताअत करो। पुराने लखनऊ स्थित इमामबाड़ा मीर बाकर सौदागर में अशर-ए-मजलिस को खिताब कर रहे मौलाना सैय्यद अली सज्जाद नासिर ने कहा कि कर्बला मामता का मकतल है। उन्होंने कहा कि नाना के दीन को बचाने के लिए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने कर्बला में जो कुर्बानियां पेश की उससे पूरी दुनिया को यह संदेश मिलता है कि कभी भी जालिम के आगे सिर नहीं झुकाना चाहिए।
हसन कालोनी दौलतगंज में एक मजलिस को मौलाना अब्बास नासिर सईद अबाकाती ने खिताब किया। इसके बाद उनके ताबूतों और जुलजनाह की जियारात कराई गई। इमामबाड़ा आगा बाकर में मौलाना मीसम जैदी ने मजलिस को खिताब करते हुए कहा कि अल्लाह ने पैगंबरे इस्लाम को शरियत को आसान करने के लिए भेजा। शरियत के अमकाम पर अमल, एहतराम करिए। चौक इमामबाड़ा में मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि पूरी कायनात को जो हिदायत मिलना हैं, वह दो चीजें हैं कुरान और अहलेबैत। इस्लाम अगर किताब की सूरत में हो तो कुरान और अगर अमल की सूरत में हो तो अहलेबैत हैं।
ताबूत की जियारत आज : अंजुमन एनुल अजा की ओर से गुरुवार को पुराना हैदरगंज स्थित कर्बला मुंशी फजले हुसैन में जनाब-ए-औन व मुहम्मद के ताबूत की जियारत कराई जाएगी। शाम चार बजे बजे मौलाना मजलिस पढ़ेंगे। इसके बाद मजलिस कर्बला परिसर में ताबूत निकलने का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
दहकते अंगारों पर चलेंगे अजादार : कर्बला के शहीदों के गम में गुरुवार को सैकड़ों अजादार हाथों में हजरत अब्बास अलेहिस्सलाम के अलम मुबारक पकड़े नंगे पांव दहकते अंगारों पर चलेंगे। न सिर्फ शिया बल्कि हिन्दु अजादार भी अंगारों पर चलकर खिराज-ए-अकीदत पेश करेंगे। इमामबाड़ा शाहनजफ में रात आठ बजे व कश्मीरी मोहल्ला में रात नौ बजे आग पर मातम होगा। इससे पहले मौलाना मजलिस पढ़ेंगे।
हजरत अली की सीरत व शहादत को बयां किया : अकबरी गेट स्थित मस्जिद एक मिनारी में तकरीरी जलसे के चौथे दिन कारी मोहम्मद सिद्दीक ने खिताब किया। उन्होंने हजरत अली मुर्तजा की जिंदगी के साथ उनकी सीरत और शहादत को बयां किया। मरकजी जुमातुल हुफ्फाजी की ओर से आयोजित कार्यक्रम में हाफिज अब्दुल रशीद, सैयद मो. इकबाल, कारी मो. रेहान आदि मौजूद रहे। वहीं दारुल उलूम निजामिया फरंगी महल में ‘शुहादाये दीने हक व इस्लाहे माआशरह’ के तहत चौथे जल्से को मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने किया। दरगाह दादा मियां में हजरत मौलाना मुख्तार ने जलसे को खिताब किया।