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चार हजार करोड़ से होगा बुंदेलखंड का विकास

बुंदेलखंड पैकेज के अन्तर्गत वित्त पोषण के लिए पांच वर्षीय करीब चार हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट आठ अगस्त तक हर हाल में नियोजन विभाग को उपलब्ध करा दें।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 05 Aug 2017 12:48 PM (IST)Updated: Sat, 05 Aug 2017 12:48 PM (IST)
चार हजार करोड़ से होगा बुंदेलखंड का विकास
चार हजार करोड़ से होगा बुंदेलखंड का विकास

लखनऊ (जेएनएन)। बुंदेलखंड ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को एकतरफा सपोर्ट किया तो सरकार भी इस अंचल के विकास में पूरी तरह सक्रिय है। बुंदेलखंड पैकेज की करीब चार हजार करोड़ की परियोजनाओं को गति देने के लिए शुक्रवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने समीक्षा की। राजीव ने निर्देश दिए हैं कि बुंदेलखंड पैकेज के अन्तर्गत वित्त पोषण के लिए पांच वर्षीय करीब चार हजार करोड़ रुपये की योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट आठ अगस्त तक हर हाल में नियोजन विभाग को उपलब्ध करा दें।

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शास्त्री भवन में मुख्य सचिव बुंदेलखंड पैकेज को लेकर कई विभागों के प्रमुख सचिवों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने नियोजन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी कि सभी विभागों से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट लेकर उसका परीक्षण कर भारत सरकार को वित्तीय सहायता के लिए नौ अगस्त को भेजना सुनिश्चित करें। बुंदेलखंड के किसानों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही सिंचाई हेतु पानी एवं पेयजल तथा चेकडैम एवं जल संचय बंधों के निर्माण में आने वाली जरूरतों पर चर्चा की।

बुंदेलखंड पैकेज के तहत स्प्रिंकलर/ड्रिप इरिगेशन (माइक्रो इरिगेशन) द्वारा सिंचाई परियोजना, असफल राजकीय नलकूपों के पुनर्निर्माण की योजना, समादेश क्षेत्र विकास परियोजना, जाखलौन पम्प नहर के प्रणाली पुनस्र्थापन व पक्के कार्यों की मरम्मत कराने की परियोजना सहित अन्य योजनाएं सिंचाई विभाग द्वारा तैयार कराई जा रही हैं।


कृषि विभाग द्वारा बुंदेलखंड क्षेत्र में चेक डैम एवं जल संचय बंधों का निर्माण, लघु सिंचाई विभाग द्वारा रिचार्जिंग चेक डैम, तालाबों का पुनर्विकास, नए ब्लास्ट, डगवेल का निर्माण, पुराने निजी/ब्लास्ट कूपों का गहरीकरण, सामुदायिक नलकूपों की परियोजनाएं तैयार की गई हैं। दुग्ध विकास, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा टॉप वर्किंग, हार्टीकल्चर स्टेट, सब्जी पट्टी, पोषण वाटिका, बुंदेलखंड में औद्यानिक विकास योजनान्तर्गत नवीन उद्यान रोपण एवं कम सिंचाई में होने वाले फल-आंवला, अमरूद, बेर, पपीता, अनार, किन्नू आदि के प्रोत्साहन के साथ मसाला विकास की संरक्षित खेती आदि की परियोजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।

पशुधन विकास द्वारा महिला समूह के माध्यम से बकरी पालन, लघु एवं सीमान्त परिवार में कुपोषण निवारण आदि परियोजनाएं तैयार कराकर वित्त पोषण हेतु भारत सरकार को भेजी जा रही हैं। बैठक में जल जन जोड़ों अभियान के संयोजक संजय सिंह ने बताया कि पूर्व में संचालित बुंदेलखंड पैकेज की योजनाएं प्रभावशाली नहीं रही, उन योजनाओं को पैकेज में ना लिया जाए। बैठक में अपर मुख्य सचिव, नियोजन संजीव सरन सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव तथा विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।
 


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