हरदोई में पराली जलाने से किसानों को न रोक पाने में चार लेखपाल निलंबित
सुप्रीम कोर्ट के आदेश और शासन के निर्देशों के बावजूद प्रदेश के कुछ जिलों में पराली जलाने की घटनाओं पर नहीं लग रहा अंकुश।
हरदोई, जेएनएन। पराली जलाने वाले किसानों के साथ ही लापरवाही पर जिम्मेदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो रही है। सदर तहसील में तीन लेखपालों के निलंबन के बाद सोमवार को चार लेखपालों को और निलंबित कर दिया गया है। जिसके बाद से खलबली मची हुई है।
मनमानी कर रहे हैं लेखपाल
पराली जलाने से वायु प्रदूषण फैल रहा है। इसके नियंत्रण को लेकर कड़े निर्देश जारी किए जा चुके हैं। जिसमें क्षेत्रीय लेखपालों की भी ड्यूटी लगाई गई है। उन्हें सख्त आदेश दिए गए हैं कि वह क्षेत्र में निवास करें और पराली जलाने वालों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करें। एसडीएम सदर राकेश कुमार ने बताया कि उसके बाद भी कुछ लेखपाल मनमानी कर रहे हैं। उसी पर कार्रवाई हो रही है। जिसमें चार लेखपालों को निलंबित कर दिया गया है।
एसडीएम ने दिए जांच के आदेश
एसडीएम के अनुसार अरमी के लेखपाल अशोक कुमार आनंद, विक्टोरियागंज के लेखपाल लक्ष्मी नारायण, गोड़ाधार के लेखपाल आनंद प्रकाश एवं पचकोहरा के अमरेश कुमार तिवारी लेखपाल को निलंबित कर दिया गया है। सभी की विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं। ऐसा मिलने पर और भी कार्रवाई होगी।
पराली जलाने पर डीएम व एसपी से 20 तक रिपोर्ट तलब
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और शासन के निर्देशों के बावजूद प्रदेश के कुछ जिलों में पराली जलाने की घटनाओं पर सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है। शासन ने सभी जिलाधिकारियों और एसएसपी/एसपी को निर्देश दिया है कि ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लिया जाए। उनसे कहा गया है कि इस सिलसिले में पुलिस अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करते हुए 20 नवंबर तक रिपोर्ट भेजें।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि प्रदेश के 10 जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से 18 नवंबर तक पहली रिपोर्ट और 20 नवंबर तक अंतिम रिपोर्ट अलग से मांगी गई है। इन जिलों में मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, बरेली, अलीगढ़, जालौन और झांसी शामिल हैं। उनसे यह भी कहा गया है कि पराली या अन्य अवशेष जलाने की घटना को गंभीरता से लें।