काउंसिलिंग से पहले यूपी की चार सौ सरकारी एमबीबीएस सीटों का झटका
चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिले पत्र में एमसीआइ ने कन्नौज, बांदा, जालौन व सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2018 में दाखिले को लेकर आपत्ति जता दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। नेशनल एलेजबेलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) यूजी काउंसिलिंग से पहले चिकित्सा शिक्षा विभाग को झटका लग गया। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने चार सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले को लेकर आपत्ति जता दी है। ऐसे में शैक्षणिक सत्र 2018 में एमबीबीएस की करीब चार सौ सीटों पर खतरा मंडरा रहा है।
दरअसल, सोमवार को नीट परिणाम जारी हो गया है। वहीं मंगलवार को काउंसिलिंग को लेकर बैठक भी होनी है। इसमें मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में दाखिला को लेकर रणनीति तय होगी। वहीं 31 मई को एमसीआइ के फैसले से चिकित्सा शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी है। चिकित्सा शिक्षा विभाग को मिले पत्र में एमसीआइ ने कन्नौज, बांदा, जालौन व सहारनपुर मेडिकल कॉलेज में वर्ष 2018 में दाखिले को लेकर आपत्ति जता दी है।
ऐसे में इन सरकारी मेडिकल कॉलेज की करीब चार सौ एमबीबीएस सीटों पर खतरा मंडरा रहा है।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. केके गुप्ता ने बताया कि चार मेडिकल कॉलेज की करीब 400 सीटों पर एमसीआइ ने आपत्ति जताई है। इस फैसले को लेकर विभाग न्यायालय में अपना पक्ष रखेगा।
6100 एमबीबीएस व 2370 बीडीएस की थीं सीटें
राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1990 सीटें हैं। इनमें से चार सौ पर एमसीआइ की तलवार लटक गई है। इसके अलावा निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 4200 सीटें हैं। साथ ही बीडीएस की निजी में जहां 2300 सीट हैं, वहीं सरकारी में केजीएमयू 70 सीटें हैं।
ये हैं कॉलेज
राज्य में केजीएमयू व सैफई रिम्स दो मेडिकल यूनीवर्सिटी हैं। इनमें केजीएमयू में 250 व रिम्स में 150 एमबीबीएस सीट हैं। इसके अलावा कानपुर, इलाहाबाद, गोरखपुर, आगरा, झांसी, मेरठ, आजमगढ़, कन्नौज, जालौन, बांदा, सहारनपुर, अंबेडकर नगर समेत 12 कॉलेज मेडिकल हैं। वहीं इस बार लोहिया संस्थान भी एमबीबीएस का दूसरा बैच जाएगा। इसके अलावा करीब 28 निजी मेडिकल व 23 डेंटल कॉलेज हैं।
15 फीसद ऑल इंडिया रैंकिंग
राज्य की मेडिकल सीटों पर 15 फीसद नीट की ऑल इंडिया रैकिंग से दाखिले होंगे। शेष 85 फीसद राज्य के कोटे से नीट स्टेट रैंकिंग के आधार पर प्रवेश होंगे।