चारबाग अग्निकांड मामले में चार अभियंता निलंबित, सात लोगों को गंवानी पड़ी थी जान
19 जून 2018 को एसएसजे व विराट होटल में लगी थी आग। एलडीए व विद्युत सुरक्षा निदेशालय की एनओसी ली नहीं, दे दिया कनेक्शन।
लखनऊ, जेएनएन।19 जून 2018 को चारबाग स्थित एसएसजे इंटरनेशन व होटल विराट में लगी आग के मामले में चार बिजली अभियंताओं को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया गया है। जांच में पाया गया कि तत्कालीन अभियंताओं ने घोर लापरवाही बरती। बिना सोचे-समझे आवासीय परिसर में बिना एलडीए और विद्युत सुरक्षा निदेशालय से एनओसी लिए 75 किलोवॉट का बिजली कनेक्शन जारी कर दिया। इस अग्निकांड में सात लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।
चारबाग अग्निकांड की पांच माह जांच चली। मध्यांचल एमडी के मुताबिक, एडीजी व एलडी वीसी मामले की जांच कर रहे थे। जांच में पाया गया कि दोनों होटल आवासीय परिसर में बनाए गए थे। होटल स्वामी सुरेन्द्र कुमर जयसवाल द्वारा अपने भूखंड पर वाणिज्यक बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया गया था। सुरेंद्र ने आवेदन में भवन को एकल आवासीय मानचित्र के रूप में दिखाया था। यही नहीं एलडीए व विद्युत सुरक्षा निदेशालय से एनओसी तक नहीं ली गई और 75 किलोवॉट का बिजली कनेक्शन तत्कालीन अभियंताओं ने जारी कर दिया। नियमानुसार बिना एनओसी के कनेक्शन जारी ही नहीं हो सकता।
मध्यांचल के निदेशक (कार्मिक एवं प्रशासन) एससी ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में अधिशासी अभियंता वर्तमान में अधीक्षण अभियंता असलम हुसैन (मध्यांचल संबंद्ध), अधिशासी अभियंता अजय दोहरे (रायबरेली में तैनात), एसडीओ अब अधिशासी अभियंता राज मंगल सिंह (उन्नाव में तैनात) और अवर अभियंता अजय यादव को निलंबित कर दिया गया है। उक्त अभियंताओं पर आरोप है कि नियमों को दरकिनार करते हुए बिजली कनेक्शन जारी किया, इसके कारण सात लोगों की जानें गई थी।
ठंडे बस्ते में चली गई मजिस्ट्रेटी जांच
चारबाग अग्निकांड की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए थे। पिछले पंद्रह दिन से जांच अधिकारी बीमार हैं। पांच माह बाद भी इस जांच की रफ्तार नहीं बढ़ी। यह हाल तब है जब कई अफसर बदले, लेकिन जान गंवाने वाले सात लोगों के परिवारों को संबंधित अफसर अब तक न्याय नहीं दिला पाए हैं।
क्या कहते हैं अफसर ?
एमडी मध्यांचल संजय गोयल के मुताबिक, जांच रिपोर्ट आने पर चार अभियंताओं को निलंबित किया गया है। भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।