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Corona Virus: बुद्धिजीवियों के फोरम ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट को सराहा, कहा; यूपी दुनिया के लिए नजीर

बुद्धिजीवियों के फोरम ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट की सराहना की है। राष्ट्र विरोधी ताकतों और अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई का विरोध करने वालों को आईना भी दिखाया है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 03:55 PM (IST)
Corona Virus: बुद्धिजीवियों के फोरम ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट को सराहा, कहा; यूपी दुनिया के लिए नजीर
फोरम आफ कन्सर्न्ड सिटिजन के बैनर तले 151 रिटायर्ड आइएएस अफसरों और जजों ने हस्ताक्षर किए।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बुद्धिजीवियों के फोरम ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट की सराहना की है। राष्ट्र विरोधी ताकतों और अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई का विरोध करने वालों को आईना भी दिखाया है। फोरम आफ कन्सर्न्ड सिटिजन के बैनर तले 151 रिटायर्ड आइएएस अफसरों और जजों के हस्ताक्षर से सोमवार को जारी पत्र में कहा गया है कि योगी सरकार ने जिस तरह से उप्र में कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित किया, वह पूरी दुनिया के लिए एक नजीर है। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए की किस तरह कोविड के दौरान योगी सरकार ने 40 लाख प्रवासियों के भरण पोषण की व्यवस्था की। उनके इलाज के साथ ही उन्हें घर पहुंचाने का भी इंतजाम किया। 

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राज्यसभा के पूर्व महासचिव व उप्र के मुख्य सचिव रहे योगेंद्र नारायण के नेतृत्व में राष्ट्र विरोधी ताकतों और अपराधियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई पर सवाल करने वालों को फोरम ने आड़े हाथों लिया है। यह कहते हुए कि ऐसे लोगों को योगी सरकार बनने से पहले और बाद की एनसीआरबी रिपोर्ट देखनी चाहिए। फोरम ने उस आरोप को भी खारिज किया है, जिसमें कहा गया है कि उप्र सरकार पुलिस मुठभेड़ के नाम पर अल्पसंख्यकों को निशाना बना रही है। कुछ पूर्व नौकरशाह राजनीतिक कारणों से सरकार पर झूठे व मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं।

आंकड़ों का हवाला देते हुए पत्र में बताया गया है कि उप्र में 20 मार्च 2017 से 11 जुलाई 2021 के बीच कुल 8367 मुठभेड़ हुई हैं। इनमें 18025 अपराधी घायल हुए। इनमें से 3246 को गिरफ्तार किया गया और 140 मारे गए हैं। मारे गए अपराधियों में 115 इनामी थे। फोरम की ओर से लिखे गए पत्र में हस्ताक्षर करने वालों में भूतपूर्व मुख्य सचिव राज भार्गव, रा के पूर्व प्रमुख संजीव त्रिपाठी, गुजरात के लोकायुक्त रहे एसएम सोनी, इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एसवीएस राठौर, केरल के पूर्व मुख्य सचिव आनंद बोस, पूर्व राजनयिक लक्ष्मी पुरी, विद्या सागर, अशोक कुमार, वीरेंद्र गुप्ता, पंजाब के पूर्व डीजीपी एपी पांडे और पीसी डोगरा सहित तमाम बुद्धिजीवी शामिल हैं।


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