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लखनऊ में मुकदमा दर्ज होते ही तत्कालीन कानूनगो का नौकर लापता, पूर्व राजस्व कर्मी विवेकानंद डोबरियाल का है करीबी

पूर्व राजस्व कर्मी विवेकानंद डोबरियाल के करीबी तत्कालीन कानूनगो का नौकर मुकदमा दर्ज होते ही फरार हो गया है। पुलिस ने आरोपित नौकर राम सजीवन की तलाश में दबिश दी लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस गांव में पूछताछ कर रही है।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Sat, 28 May 2022 03:58 PM (IST)Updated: Sat, 28 May 2022 04:12 PM (IST)
लखनऊ में मुकदमा दर्ज होते ही तत्कालीन कानूनगो का नौकर लापता, पूर्व राजस्व कर्मी विवेकानंद डोबरियाल का है करीबी
पूर्व राजस्व कर्मी विवेकानंद डोबरियाल के करीबी कानूनगो का नौकर मुकदमा दर्ज होते ही फरार।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। पूर्व राजस्व कर्मी विवेकानंद डोबरियाल के करीबी तत्कालीन कानूनगो का नौकर फरार हो गया है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपित नौकर राम सजीवन की तलाश में दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। आरोपित मुकदमा दर्ज होने के बाद से लापता है। पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि राम सजीवन सरोजनीनगर के तत्कालीन कानूनगो का घरेलू नौकर है और राजमिस्त्री का काम भी करता है। पुलिस ने राम सजीवन के बारे में गांव में पूछताछ की तो पता चला कि वह कई सालों से कानूनगो के घर में काम करता है।

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उधर, मुकदमे में नामजद दूसरा आरोपित आशीष मिश्रा भी पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस ने आशीष की तलाश में भी दबिश दी, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। खास बात यह है कि मुआवजा लेने के बाद जिस कंपनी में रुपये ट्रांसफर किए गए थे उसका संचालक भी लापता हो गया है। कंपनी का संचालक तत्कालीन कानूनगो का बेहद करीबी है। पुलिस ने जिन-जिन खातों से रुपये ट्रांसफर किए गए थे उसका ब्योरा बैंक से निकाला है, जिसमें कानूनगो की संलिप्तता सामने आई है।

बंथरा थाने में एफआइआर होने के बाद से फर्जीवाड़े में शामिल सभी आरोपित भूमिगत हो गए हैं। तत्कालीन कानूनगो ने आशीष मिश्रा के साथ मिलीभगत कर भटगांव निवासी रामकली की जमीन अपने नौकर के नाम दर्ज करवा ली थी। इसके बाद सरकार से उसी जमीन पर 70 लाख रुपये मुआवजा ले लिया था। रामकली का आरोप है कि सरोजिनी नगर तहसील में तैनात तत्कालीन कर्मचारी और अफसरों ने उनके साथ धोखाधड़ी की है। पुलिस राम सजीवन को हिरासत में लेने के बाद फर्जीवाड़े में शामिल कर्मचारियों और अफसरों के खिलाफ कार्यवाही की तैयारी कर रही है।

सीडीओ का तबादला, जांच अधर में : अहिमामऊ में करोड़ों की जमीन के हेरफेर की जांच कर रहे सीडीओ (मुख्य विकास अधिकारी) अश्वनी कुमार पांडेय का शुक्रवार को तबादला हो गया। जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने फर्जीवाड़े की जांच के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसका नेतृत्व सीडीओ कर रहे थे। जांच के दौरान अचानक सीडीओ का तबादला हो जाने से लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं। डीएम ने 15 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट देने के लिए कहा था। अब सवाल ये है कि फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट कब आएगी? बलरामपुर जिले की सीडीओ रिया केजरीवाल को मुख्य विकास अधिकारी लखनऊ का प्रभार सौंपा गया है।


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