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मेरे के लिए तो अटल हमेशा जिंदा रहेंगे : लाल जी टंडन

अटल जी की जयंती (25 दिसंबर) पर विशेष : अटल की बात पर भावुक हो गए बिहार के राज्यपाल। नहीं देखा अटल जैसा जमीन से जुड़ा महानायक।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 23 Dec 2018 04:45 PM (IST)Updated: Sun, 23 Dec 2018 04:45 PM (IST)
मेरे के लिए तो अटल हमेशा जिंदा रहेंगे : लाल जी टंडन
मेरे के लिए तो अटल हमेशा जिंदा रहेंगे : लाल जी टंडन

लखनऊ, जेएनएन। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के दिल में लखनऊ बसता था। उन्होंने पत्रकार से प्रधानमंत्री बनने का सफर इसी लखनऊ से शुरू किया था। हर आम और खास का बराबरी से हाथ पकड़े रहना ही अटल की सबसे बड़ी पूंजी थी, जिसकी बदौलत सियासत की स्याह कोठरी में भी वह बेदाग रहे। राजनीतिक विरोधी भी उनकी सहजता के कायल थे। 25 दिसंबर को उनकी पहली जयंती पर वैसे तो दुनिया भर में लोग उन्हें याद करेंगे लेकिन लखनऊ के लिए बेहद भावुक पल होगा।

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गंगा-जमुनी तहजीब के इस शहर में अटल का जन्मदिवस बेहद उल्लासपूर्वक मनाया जाता रहा है लेकिन इस बार उनकी यादें होंगी। लखनऊ में बहुत से लोग हैं जिनके पास अटल की स्मृतियां हैं। जिन्होंने उनके साथ सुख-दुख साझा किया। अटल के साथ हर पल खड़े रहने वाले लखनऊ के पूर्व सांसद और अब बिहार के राज्यपाल लाल जी टंडन यह मानने को तैयार ही नहीं है कि अटल अब इस दुनिया में नही हैं।

टंडन जी का कहना है कि अटल तो हमेशा जिंदा रहेंगे। वह कभी हम लोगों को छोड़कर जा नहीं सकते। मैं हमेशा उनका जन्मदिवस लखनऊ में ही मनाता था। अक्सर अटल जी दिल्ली में होते थे। मैं कभी दिल्ली नहीं गया उनके जन्मदिवस पर। कई बार बुलाया मगर इसलिए नहीं गया कि यहां कार्यकर्ताओं के साथ अटल जी का जन्मदिवस कैसे मनाऊंगा। इस बार मैं लखनऊ में नहीं रहूंगा। 24 को लखनऊ में कार्यक्रम के बाद वापस पटना आना है। यहां पर अटल जी की स्मृति में ही आयोजन हो रहा है, जिसमें शामिल होना है।

जब अटल ने खरीद लिए सारे लड्डू

पूर्व विधायक राम कुमार शुक्ला अटल के बेहद करीबियों में रहे। एक बार वह अटल के साथ सीतापुर जा रहे थे। रास्ते में अटल जी ने कहा शुक्ला जी क्या भूखे रखेंगे। कुछ तो खिला दीजिए। मैंने कहा कि आगे इंतजाम है वहीं चलते हैं। इस पर अटल जी ने सड़क किनारे एक बुजुर्ग महिला को लइया के लड्डू बेचते देखा। बोले अरे कार रोको। लड्ड् खाते हैं। मैंने उससे आधा किलो लड्डू मांगे तो अटल जी बोले यार क्यों कंजूसी करते हो सारे ले लो। अब बेचारी कहां दिन भर बैठकर बेचेगी। इस पर पूरी डलिया ही खरीद ली।

कहा था आपसे, एक दिन आऊंगा

गोसाईंगंज के शारदा प्रसाद जायसवाल आरएसएस के पुराने स्वयंसेवक हैं। एक बार अटल जी ने शारदा से कहा कि आप जब बुलाएंगे मैं आऊंगा जरूर। शारदा ने गोसाईगंज में एक स्कूल बनाया तो अटल जी को उद्घाटन करने के लिए लिखा। शारदा उम्मीद छोड़ चुके थे लेकिन अटल जी ने संदेशा भेजा कि वह आ रहे हैं। आखिरकार अटल जी गोसाईगंज पहुंचे और स्कूल का उद्घाटन किया।

पहले आप बोलिए पंडित जी

पूर्व विधायक चंंद्रशेखर त्रिवेदी एक बार बख्शी का तालाब में एक बार अटल जी की सभा में पहुंचे। अटल जी तत्काल कुर्सी से उठे और बोले पहले आप बोलेंगे फिर मैं। मुझे समझ में नहीं आया कि क्या जवाब दूं। अटल का व्यक्तित्व इतना बड़ा था कि हर कोई उनके आगे बौना नजर आता था। 

और पहुंच गए अटल

पूर्व विधायक सुखलाल का 1991 में निधन हो गया। अटल जी उस दिन नहीं पहुंच सके। कुछ दिन बाद जब वह लखनऊ आए तो तत्काल बीकेटी स्थित उनके घर पहुंचे। अटल जी ने कहा देर से आने के लिए माफी। 


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