अटल में थी सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता : रामनाईक
राम नाईक ने गहरा दुख प्रकट किया और कहा कि दलगत राजनीति से उठकर अटलजी एक सर्वमान्य नेता थे। सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी ।
लखनऊ (जेएनएन)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर राज्यपाल राम नाईक ने गहरा दुख प्रकट किया है। कहा कि युगांत हुआ! 21वीं सदी के भारतीय राजनीति के महानायक हमें छोड़ गए। मेरा आदर्श नेता, सच्चा हितैषी मैंने खोया। दलगत राजनीति से ऊपर उठकर वह एक सर्वमान्य और लोकप्रिय नेता थे। सबको साथ लेकर चलने की अद्भुत क्षमता थी उनमें।
राम नाईक का शोक संदेश
गुरुवार को शोक संदेश में राम नाईक ने कहा कि 'अटल के साथ संगठन में और उनके मंत्रिमंडल में पेट्रोलियम व अन्य महत्वपूर्ण विभागों केमंत्री के रूप में काम करने का अवसर मिला। वह उदारता की राजनीति के लिये जाने जाते थे जिनमें अपना बनाने की विशेष कला थी। पक्ष-विपक्ष के सभी लोग उनका सम्मान करते थे। उनकी चिरस्मृति देशवासियों को हमेशा प्रेरणा देती रहेगी। लखनऊ से तो उनका विशेष लगाव था, यहां से वे कई बार सांसद बनें।'
रामभाऊ मृत्यु के दरवाजे से वापस आये हैं
राज्यपाल ने कहा कि आज भी याद है कि जब 1994 में मैं कैंसर रोग से पीडि़त था तो वह अनेक बार मुझसे मिलने मुंबई स्थित आवास आये थे। मेरे स्वस्थ होने पर 25 सितंबर, 1994 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर मुंबई में आयोजित कार्यक्रम में अटल आये थे। उनके शब्द थे 'आये हुए जनसमूह को देखकर ईष्र्या होती है कि राम भाऊ कितने लोकप्रिय हैं। रामभाऊ मृत्यु के दरवाजे से वापस आये हैं। बोनस में मिला जीवन इस बात का संकेत है कि आगे देश और समाज के लिये और काम करना है।' राज्यपाल ने कहा कि अब ऐसा उत्साहवर्धन करने वाला मित्रवत नेता कभी नहीं मिलेगा।
अंधेरा छंटेगा, सूरज उगेगा और कमल खिलेगा
नाईक ने बताया कि 1980 में भारतीय जनता पार्टी के मुंबई में आयोजित प्रथम अधिवेशन में अटल ने कहा था 'अंधेरा छंटेगा, सूरज उगेगा और कमल खिलेगा।' न्यायमूर्ति छागला ने अधिवेशन में अपार भीड़ देखकर कहा था कि 'मेरे सामने 'मिनी इंडिया' है और मेरे दाहिनी ओर बैठे अटल जी में मैं भविष्य का प्रधानमंत्री देख रहा हूं।' नाईक ने कहा कि 'मैं उनकी स्मृति को प्रणाम करते हुए उनको सद्गति प्राप्त हो, ऐसी कामना करता हूं।' ईश्वर हमें इस दारूण दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे।