पूर्व MLA पवन पांडेय पर हत्यारोपितों को शरण देने का आरोप तय
एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायधीश पवन कुमार राय की अदालत में सुनवाई। 22 अक्टूबर 1995 को विजय कुमार यादव ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी।
लखनऊ, जेएनएन। अंबेडकरनगर के पूर्व विधायक पवन कुमार पांडेय के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने हत्या के एक मामले में आरोपितों को शरण देने का आरोप तय किया है। न्यायाधीश पवन कुमार राय ने गुरुवार को पूर्व सांसद के खिलाफ आइपीसी की धारा 216 के तहत आरोप तय करते हुए सात मार्च को अभियोजन पक्ष को अपना गवाह पेश करने के आदेश दिए हैं। सुनवाई के दौरान आरोपित पवन कुमार पांडेय अदालत में हाजिर थे।
राजधानी में लक्ष्मी शंकर यादव की हुई थी हत्या। इस मामले में पवन पांडेय पर अंगद यादव, सूरजपाल यादव व रमेश कालिया को शिवसेना कार्यालय अकबरपुर में शरण देने का आरोप है। विशेष अदालत की ओर से पिछली तारीख पर पवन पांडेय के खिलाफ गैर जमानती वारंट व कुर्की की कार्यवाही के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया गया था।
हजरतगंज कोतवाली में हुई थी एफआइआर
बता दें, 22 अक्टूबर, 1995 को विजय कुमार यादव ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी।आरोप है कि बसपा सरकार में राज्य मंत्री रहे अंगद यादव, रमेश कालिया व सूरजपाल तथा अन्य लोग उनके घर में घुस गए थे। उस दौरान विजय के पिता लक्ष्मी शंकर यादव घर में मौजूद थे। अंगद ने ललकारा कि मारो इसे, बचने न पाए। इस पर उनके साथ आए लोगों ने गोलियां चलानी शुरूकर दी थीं। हमले में लक्ष्मी शंकर यादव की मौत हो गई थी। मई 1996 में इस मामले में पवन कुमार पांडेय के खिलाफ आइपीसी की धारा 216 के तहत आरोप पत्र दाखिल हुआ था।