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Memorial Scam in up: पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन ने अधीनस्थों को ठहराया जिम्मेदार, विजिलेंस को द‍िए गोलमोल जवाब

स्मारक घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है। बसपा शासनकाल में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में बने स्मारक व पार्कों में भारी आर्थिक अनयिमितता की शिकायतें हैं। विजिलेंस ने अब इस मामले में अपनी जांच के कदम तेज किए हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 09:16 PM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 10:11 AM (IST)
Memorial Scam in up: पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन ने अधीनस्थों को ठहराया जिम्मेदार, विजिलेंस को द‍िए गोलमोल जवाब
विजिलेंस ने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन से की पूछताछ। शासन स्तर पर लिए गए निर्णयों को लेकर भी पूछे गए सवाल।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। बसपा शासनकाल में हुए 1400 करोड़ रुपये से अधिक के स्मारक घोटाले में सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) ने पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी से लंबी पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। सूत्रों का कहना है कि पूर्व मंत्री से 19 जुलाई को की गई पूछताछ के दौरान स्मारक के निर्माण कार्यों व उनके भुगतान को लेकर शासन स्तर लिए गए निर्णयों के बारे में भी सवाल-जवाब किए गए। हालांकि इस दौरान अधिकतर सवालों पर नसीमुद्दीन तकनीकी कमेटियों, कार्यदायी संस्थाओं व तत्कालीन अधिकारियों पर जिम्मेदारी टालते रहे। कई सवालों के गोलमोल जवाब दिए।

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विजिलेंस नसीमुद्दीन सिद्दीकी को पूछताछ के लिए दोबारा भी तलब कर सकती है। इससे पहले सचिवालय के एक अधिकारी से भी पूछताछ की तैयारी है। जिसके बाद कई बि‍ंदुओं पर पूर्व मंत्री के बयानों का परीक्षण करने के बाद उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। पूर्व मंत्री बाबू सि‍ंह कुशवाहा से इस प्रकरण में तीन अगस्त को पूछताछ की तैयारी है। जल्द लोक निर्माण विभाग, खनन विभाग व राजकीय निर्माण निगम के तत्कालीन अधिकारियों को भी नोटिस देकर बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जा सकता है।

स्मारक घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है। बसपा शासनकाल में लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में बने स्मारक व पार्कों में भारी आर्थिक अनयिमितता की शिकायतें हैं। विजिलेंस ने अब इस मामले में अपनी जांच के कदम तेज किए हैं। करीब सात वर्षों से चल रही विजिलेंस जांच के दौरान पहली बार नामजद आरोपित पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पूछताछ की गई है। विजिलेंस ने लोक निर्माण व खनिज विभाग की 50 से अधिक फाइलों का गहन अध्ययन करने के बाद पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी व बाबू सि‍ंह कुशवाहा को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किए थे।

लखनऊ व गौतमबुद्धनगर में स्मारकों व पार्कों के निर्माण कार्यों से जुड़ी अहम बैठकों में दोनों पूर्व मंत्री शामिल होते थे। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया था कि कई फर्म संचालकों व ठेकेदारों को बिना टेंडर प्रक्रिया पूरी कराए ही बड़े काम दिए गए थे। स्मारकों में लगे पत्थरों में ओवररेङ्क्षटग का बड़ा खेल किया गया था। विजिलेंस ने जनवरी 2014 में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दोनों पूर्व मंत्रियों समेत 199 आरोपितों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराई थी। इससे पूर्व लोकायुक्त संगठन ने स्मारक घोटाले की जांच की थी, जिसमें 1400 करोड़ रुपये से अधिक का घपला सामने आया था।

दोनों पूर्व मंत्रियों का बसपा से टूट चुका है नाता : विजिलेंस की जांच के घेरे में आए पूर्व मंत्री बाबू सि‍ंह कुशवाहा को नोटिस देकर नसीमुद्दीन सिद्दीकी से पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हालांकि बाबू सि‍ंह कुशवाहा ने स्वास्थ्य ठीक न होने का हवाला देकर करीब 15 दिनों की मोहलत मांग ली थी। बसपा से दोनों ही पूर्व मंत्रियों का साथ छूट चुका है। नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बसपा से रिश्ता तोडऩे के बाद कांग्रेस से नाता जोड़ लिया था। वह वर्तमान में कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन हैं। वहीं बाबू सि‍ंह कुशवाहा ने बसपा छोडऩे के बाद जनअधिकारी पार्टी का गठन कर लिया था।


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