हाईकोर्ट के फैसले पर टिका है आजम की बहन से आवास खाली कराने का मामला, 17 को अलगी सुनवाई
नगर निगम ने 18 नवंबर की थी लगाई है आवास खाली कराने की डेट। रिवर बैंक कॉलोनी में वर्ष 2007 में हुआ था आवंटन। अगर हाईकोर्ट से आजम खान की बहन को राहत नहीं मिली तो नगर निगम 18 तारीख को आवास का ताला तोड़कर अपना कब्जा लेगा।
लखनऊ, जेएनएन। रिजर्व बैंक कॉलोनी में पूर्व मंत्री आजम खान की बहन को आवंटित आवास पर नगर निगम ने कब्जा तो ले लिया था, लेकिन समान नहीं निकाला जा सका था। इसी दौरान आजम खान की बहन हाई कोर्ट चली गई और घर का सामान निकालने की कार्रवाई स्थगित कर दी गई यह कार्रवाई मजिस्ट्रेट की निगरानी में होनी थी अब नगर निगम को 17 नवंबर को हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार है। अगर हाईकोर्ट से आजम खान की बहन को राहत नहीं मिली तो नगर निगम 18 तारीख को आवास का ताला तोड़कर अपना कब्जा लेगा।
इससे पूर्व नगर निगम ने 15 दिन की नोटिस की मियाद पूरी होने पर 2 नवंबर की सुबह पूर्व मंत्री आजम खान की बहन निकहत अफलाक को रिवर बैंक कॉलोनी में आवंटित आवास नंबर ए 2/1 को सील कर अपने कब्जे में ले लिया था। यह कॉलोनी नगर निगम की है। निगम की टीम ने पहुंचकर पहले यह एनाउंसमेंट कराया था कि अगर कोई भीतर है तो बाहर आ जाए लेकिन जब कोई आवाज नहीं आई तो टीम ने मुख्यद्वार पर लगे गेट के कुंडे को उखाड़ दिया और फिर अंदर प्रवेश कर गई थी।
अंदर के कमरों में ताले लगे थे, जबकि पीछे वाले रास्ते का गेट खुला था। पहले निकहत अफलाक को नोटिस दी गई थी और उनकी दलीलों को भी सुना गया था लेकिन जांच में पाया गया कि आवंटन नियमों के विरुद्ध किया गया था। इस आधार पर आवंटन को निरस्त करने की कार्रवाई की गई। टीम ने गेट का कुंडा उखाड़कर अंदर प्रवेश कर लिया था। यहां दरवाजे व गेट पर पहले से लगे ताले के साथ ही नगर निगम ने अपने ताले लगवा दिए थे।
14 अक्टूबर को निरस्त किया गया था आवंटन
नगर निगम ने पूर्व में दी गई नोटिस के आधार पर आवास का आवंटन 14 अक्टूबर को निरस्त करते हुए पंद्रह दिन में उसे खाली करने का नोटिस आजम की बहन को भेजा था। नोटिस रिवर बैंक कॉलोनी के आवास पर चस्पा की गई थी।
पहले यह आरोप लगाया था
नगर निगम नोटिस में यह आरोप लगाया था कि रामपुर में शिक्षिका पद से सेवानिवृत्त निकहत अफलाक अब रामपुर में अपने स्थायी आवास पर ही रहती हैं और आसपास के निवासियों ने भी यही बयान दिया था कि आवास बंद रहता है और आजम खान की बहन यहां नहीं रहती है। निकहत अफलाक को तत्कालीन नगर विकास मंत्री रहे आजम खान के कार्यकाल में वर्ष 2007 में रिवर बैंक कॉलोनी में भवन संख्या ए 2/1 आवंटित किया गया था। पांच हजार वर्गफीट में बने इस आवास का किराया एक हजार प्रति माह निर्धारित किया गया था।
निकहत अफलाक ने नगर निगम की नोटिस को भ्रामक बताते हुए कहा था कि वह सुविधानुसार रिवर बैंक कॉलोनी के आवास का उपयोग करती हैं और वर्ष 2021 तक उसका आवास का किराया और हर माह बिजली का बिल भी जमा हो रहा है। उनके पास अपना कोई निजी भवन भी नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि नितांत भ्रामक एवं मिथ्या कथनों के आधार पर आवास का आवंटन निरस्त का नोटिस दिया गया है। वह समय-समय पर अपने रिश्तेदारों से मिलने रामपुर जाती हैं और 76 वर्ष की होने के कारण अपने इलाज के लिए लखनऊ में ही निवास करती हैं।
कोर्ट के आदेश का इंतजार
नगर अजय कुमार द्विवेदी का कहना है. आजम खान की बहन निकहत अफलाक आपकी बहन को आवंटित आवास पर नगर निगम ने कब्जा ले रखा है और नगर निगम का ताला उस पर लगा है कमरे के अंदर जो समान है उसने मजिस्ट्रेट की निगरानी के बाद निकाला जाएगा निकहत अफलाक. ने नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका डाली है जिस पर 17 नवंबर को सुनवाई होनी है हाईकोर्ट के आदेश के बाद ही नगर निगम अगला कोई कदम उठाएगा