कार्रवाई से बचने को पूर्व मंत्री अयोध्या पाल ने बेच दी कई संपत्तियां
शायद यही वजह है कि उन्होंने खुद के नाम वाली संपत्तियों को बेचना काफी समय पहले ही शुरू कर दिया था। भिटौरा ब्लाक के रारा गांव में उन्होंने ढाई बीघा जमीन एक वर्ष पहले बेच डाली।
फतेहपुर (जेएनएन)। बसपा सरकार में मंत्री रहे अयोध्या प्रसाद पाल पर आय से अधिक संपत्ति बनाने के मामले में मुकदमा दर्ज करने में भले ही छह साल का लंबा समय लग गया लेकिन, पूर्व मंत्री को इस कार्रवाई का आभास पहले ही हो गया था। शायद यही वजह है कि उन्होंने खुद के नाम वाली संपत्तियों को बेचना काफी समय पहले ही शुरू कर दिया था। भिटौरा ब्लाक के रारा गांव में उन्होंने ढाई बीघा जमीन एक वर्ष पहले बेच डाली।
बताते हैं कि पूर्व मंत्री ने अपने और पत्नी के नाम कई ऋण ले रखे थे, जिसकी अदायगी के नाम पर अपनी संपत्ति बेचनी शुरू की। सदर कोतवाली में छह जनवरी को भ्रष्टाचार अधिनियम में दर्ज किए गए मुकदमे में यह भी स्पष्ट हुआ है कि उन्होंने जयराम नगर मोहल्ले में आवासीय भवन बनाने के लिए शहर के पीरनपुर निवासी प्रमोद कुमार व पिंडारन बबेरू निवासी राम नरेश तिवारी से 0.1782 हेक्टेयर भूमि खरीदी थी। इस भूमि को खरीदने के साथ ही इसी से मिली हुई 1350 वर्गमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया।
दर्ज मुकदमे में इस बात का जिक्र किया गया है कि जिस सरकारी भूमि पर उन्होंने अवैध ढंग से कब्जा किया उसमें निर्माण भी करा लिया। खरीदी गई भूमि का काफी हिस्सा अब भी खाली मैदान के रूप में पड़ा है। पूर्व मंत्री के पास अचल संपत्ति के रूप में कहां-कहां कितनी जमीन है इसका पर्दाफाश तो फिलहाल नहीं हुआ है लेकिन, माना यह जा रहा है कि दर्ज मुकदमे की विवेचना में यह परतें भी खुलकर सामने आएंगी।
ज्यादातर संपत्तियां पुत्रों के नाम
अलग-अलग विधानसभा चुनाव में दाखिल किए गए हलफनामों की बात की जाए तो पूर्व मंत्री के पास 2017 में मामूली संपत्ति बची है जबकि उनके पुत्र व बहू हैसियत के मामले में उनसे आगे हैं।