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ढांचा विध्वंस मामले में कल्याण सिंह विशेष सीबीआइ कोर्ट में तलब, जांच एजेंसी को दिया निर्देश Lucknow News

अयोध्‍या में विवादित ढांचे विध्‍वंस के मामले में विशेष सीबीआइ कोर्ट ने पूर्व मुख्‍यमंत्री कल्‍याण सिंह को बतौर अभियुक्‍त तलब किया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 22 Sep 2019 08:16 AM (IST)Updated: Sun, 22 Sep 2019 12:51 PM (IST)
ढांचा विध्वंस मामले में कल्याण सिंह विशेष सीबीआइ कोर्ट में तलब, जांच एजेंसी को दिया निर्देश Lucknow News
ढांचा विध्वंस मामले में कल्याण सिंह विशेष सीबीआइ कोर्ट में तलब, जांच एजेंसी को दिया निर्देश Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने के आपराधिक मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को समन जारी किया है। विशेष न्यायाधीश अयोध्या प्रकरण सुरेंद्र कुमार यादव ने आगामी 27 सितंबर को कल्याण सिंह को बतौर अभियुक्त अदालत में पेश करने का निर्देश जांच एजेंसी को दिया है। 

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अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि बार एसोसिएशन के सदस्यों के माध्यम से पता चला है कि कल्याण सिंह अब राजस्थान के राज्यपाल के पद पर नहीं हैं। इसके पहले गत नौ सितंबर को सीबीआइ की ओर से एक अर्जी देकर सुप्रीम कोर्ट के 19 अप्रैल 2017 के आदेश का हवाला देकर कहा गया था कि कल्याण सिंह अब राजस्थान के राज्यपाल नहीं है। लिहाजा मौजूदा आपराधिक मामले में उन्हें बतौर अभियुक्त तलब किया जाना चाहिए। 

अदालत ने नौ सितंबर को सीबीआइ को अपना आदेश देकर कहा था कि वह इस संबंध में अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत करे कि कल्याण सिंह मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल हैं या नहीं। अदालत पहले से ही इस मामले में 32 लोगों का विचारण कर रही है। जबकि कल्याण सिंह के तलब होने पर कुल 33 लोगों के विरुद्ध मामला चलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआइ की विशेष अनुमति याचिका को स्वीकार करते हुए 19 अप्रैल 2017 के आदेश में कहा था कि कल्याण सिंह वर्तमान में राज्यपाल के पद पर हैं तथा उनके इस संवैधानिक पद पर रहते हुए अनुच्छेद 361 के तहत उन पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है।

27 साल पुराने इस मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट छह दिसंबर 1992 को थानाध्यक्ष रामजन्मभूमि प्रियम्वदा नाथ शुक्ला एवं रामजन्मभूमि के चौकी इंचार्ज गंगा प्रसाद तिवारी ने सैकड़ों कार सेवकों के विरुद्ध दर्ज कराया था। इसके अलावा इसी घटना को लेकर मीडिया एवं अन्य लोगों की ओर से 48 रिपोर्टे दर्ज कराई गईं थी। राज्य सरकार की संस्तुति के बाद सीबीआइ ने कई चरणों में आरोप पत्र दाखिलकर 49 लोगों को आरोपी बनाया था। जिसमें मुख्य रूप से मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह, साध्वीऋतम्भरा, लालकृष्ण आडवाणी, अशोक सिंघल, विष्णु हरि डालमियां, बाला साहब ठाकरे, गिरिराज किशोर, परमहंस रामचन्द्र दास के अलावा फैजाबाद के तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट आरएन श्रीवास्तव एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डीबी राय को आरोपी बनाया गया था। मामले में मुकदमे के दौरान अशोक सिंघल, विष्णु हरि डालमियां, गिरिराज किशोर, बाला साहब, परमहंस, रामचन्द्र दास एवं महन्त अवैद्य नाथ सहित 16 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मुकदमे की निगरानी उच्चतम न्यायालय कर रही है।


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