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Ayodhya Case: पूर्व मुख्यमंत्री ने पेश किए दस्तावेजी साक्ष्य, फरार आरोपित ओम प्रकाश हुए हाजिर

अयोध्या के ढांचा ध्वंस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने पेश किए दस्तावेज साक्ष्य अन्य आरोपितों ने नहीं पेश किए साक्ष्य।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 08:11 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 08:11 PM (IST)
Ayodhya Case: पूर्व मुख्यमंत्री ने पेश किए दस्तावेजी साक्ष्य, फरार आरोपित ओम प्रकाश हुए हाजिर
Ayodhya Case: पूर्व मुख्यमंत्री ने पेश किए दस्तावेजी साक्ष्य, फरार आरोपित ओम प्रकाश हुए हाजिर

लखनऊ, जेएनएन। अयोध्या के ढांचा ध्वंस मामले में विशेष अदालत के समक्ष आज आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की तरफ से शुक्रवार को दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। वहीं अन्य किसी आरोपित की तरफ से सफाई साक्ष्य नहीं पेश किए। वहीं फरार चल रहे आरोपित ओम प्रकाश पांडेय ने गुरुवार को अदालत के सामने पेश हुए। उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में ले लिया गया। न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव ने ओम प्रकाश के गिरफ्तारी वारंट को वापस मंगाने के निर्देश देते हुए कहा कि आरोपित ओमप्रकाश के बयान दर्ज करना न्याय संगत है, लिहाजा उनके बयान दर्ज किए जाएं।साथ ही ओमप्रकाश को गुरुवार को सफाई साक्ष्य प्रस्तुत करने के निर्देश जारी किए।

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शुक्रवार को कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के अधिवक्ता केके मिश्र व अभिषेक रंजन के माध्यम से उनके सफाई साक्ष्य प्रस्तुत किए गए।दूसरी तरफ कोर्ट में फरार चल रहे आजमगढ़ निवासी ओम प्रकाश पांडेय अपने अधिवक्ता केके मिश्र के साथ हाजिर हुए। उन्होंने कहा कि वह घर छोड़कर ऋषिकेश में राम जन्म मंदिर निर्माण के लिए अनुष्ठान कर रहे थे। जिससे परिवार व मुकदमें की पैरवी कर रहे संगठन विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं से संपर्क नहीं हो सका। पांच अगस्त को मंदिर निर्माण पर वापस लौटा तो कोर्ट से जारी वारंट की जानकारी हुई। उन्होंने यह जानबूझकर नहीं किया। कोर्ट ओमप्रकाश के हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट के साथ ही घर की कुर्की तक का आदेश कर चुकी थी। आजमगढ़ निवासी उनके परिवारजन इनके घर छोड़कर साधू होने की बात कह रहे थे।

अन्य आरोपितों की तरफ से हाजिरी माफी व साक्ष्य के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। सुनवाई के समय अभियोजन की ओर से सीबीआइ के अधिवक्ता ललित कुमार सिंह, पूर्णेन्दु चक्रवर्ती और आरके यादव उपस्थित थे। बचाव पक्ष की ओर से 32 आरोपितों की ओर से सफाई साक्ष्य प्रस्तुत किया जाना था, लेकिन सिर्फ पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से ही साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। जबकि प्रकरण में माननीय उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट निर्देश है कि 31 अगस्त तक निर्णय सुना दिया जाए।


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