मेजर की वर्दी पहना कर मध्य कमान अस्पताल में घुमाता था जालसाज, फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर ऐसे करते थे खेल Lucknow News
सेना भर्ती के नाम पर जालसाजी करने का मामला। मेडिकल में पास कराने का आश्वासन देकर बाकी रुपये वसूला जाता था।
लखनऊ, जेएनएन। सेना में भर्ती कराने के नाम पर बेरोजगारों को जालसाज मेजर की वर्दी पहना कर मध्य कमान अस्पताल में घुमाता भी था। उसके पास उनको मेडिकल में पास कराने का आश्वासन देकर बाकी रुपये वसूला जाता था। फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर जालसाज गायब हो जाते थे। जिन मोबाइल नंबरों से संपर्क होता था, उसका सिम तोड़ देते थे। दोनो जालसाजों से पुलिस, मिलिट्री पुलिस और मिलिट्री इंटेलिजेंस को ऐसी ही कई जानकारी हाथ लगी हैं।
सेना भर्ती के नाम पर अंतरराज्यीय गिरोह चलाने वाले सरगना कोलकाता निवासी मोहम्मद अकबर और उसके साथी भागलपुर के मोहम्मद अनवर को रविवार को उस समय गिरफ्तार किया गया था। जब वह बिहार के पांच बेरोजगार युवकों को लखनऊ के मध्य कमान अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराने लाया था। पूछताछ में पता चला कि यह दोनों पश्चिम बंगाल और बिहार सहित कई राज्यों में अपना गिरोह चलाते हैं। मोहम्मद अकबर 2011 में बैरकपुर कैंट में इसी जालसाजी में जेल भी जा चुका है।
ऐसे करते थे खेल
दोनों जालसाज के साथ कई एजेंट जुड़े हैं जो भर्ती का विज्ञापन बनवाकर युवाओं को अपने जाल में फंसाते थे। युवाओं को बिना दौड़ के ट्रैड्समैन और सिपाही के पदों पर भर्ती का झांसा दिया जाता था। मेडिकल के लिए लखनऊ मध्य कमान अस्पताल बुलाकर उनको मेडिकल वार्ड घुमाता था। एएमसी बैच के साथ मेजर वर्दी में मो. अकबर मिलता था। मेडिकल पास होने और नियुक्ति का पत्र सौंप दिया जाता था। कुल पांच लाख रुपये हर युवक से वसूले जाते थे।
ऐसे आए पकड़ में
मिलिट्री इंटेलिजेंस को आलमबाग के एक होटल से चल रहे इस जालसाजी की सूचना मिली थी। इस पर मिलिट्री पुलिस के हवलदार लल्लन सिंह और सीएम यादव के साथ कैंट इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह की टीम ने उनको पकड़ा। उनके पास 16 भरे हुए आर्मी मेडिकल चेस्ट फॉर्म और पांच मोबाइल फोन बरामद हुए। लेनदेन के साथ दूसरों के बैंक खातों में रकम जमा करायी जाती थी।