Move to Jagran APP

UP: निकाय चुनाव के नतीजों से तय होगा BJP सांसदों का लोकसभा का ट‍िकट, बगावत और खराब प्रदर्शन करने वालों पर फोकस

यूपी न‍िकाय चुनाव में हार जीते के पर‍िणामों के साथ भाजपा के सांसदों का र‍िपोर्ट कार्ड तैयार क‍िया जा रहा है। इसमें बगावत और खराब प्रदर्शन करने वालों पर पार्टी का खास फोकस है। कई सांसदों के क्षेत्रों में पार्टी को हार का भी सामना करना पड़ा है।

By Prabhapunj MishraEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Thu, 18 May 2023 09:24 AM (IST)Updated: Thu, 18 May 2023 09:24 AM (IST)
UP: निकाय चुनाव के नतीजों से तय होगा BJP सांसदों का लोकसभा का ट‍िकट, बगावत और खराब प्रदर्शन करने वालों पर फोकस
BJP Mission 2024: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयार‍ियों में जुटी BJP

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। BJP Focus On 80 Lok Sabha Seat Of UP नगरीय निकाय चुनाव के नतीजे अगले साल होने वाले लोक सभा चुनाव की तैयारियों में जुटी भाजपा के लिए अपने सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तय करने का पैमाना भी होंगे। वर्ष 2014 व 2019 में हुए लोक सभा चुनावों में केंद्र में भाजपा की सरकारें बनाने में उप्र ने बड़ी भूमिका निभाई थी। केंद्र में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कोशिश में लगी भाजपा का सर्वाधिक 80 लोक सभा सीटों वाले उप्र पर खास फोकस है।

prime article banner

प्रदेश में भाजपा की 64 लोक सभा सीटें हैं जबकि उसके सहयोगी अपना दल (एस) की दो सीटें हैं। पार्टी की अपने सांसदों पर पैनी अपने सांसदों पर पैनी निगाह है। अपने सांसदों की कार्यशैली, लोकप्रियता और जनता के बीच उनकी छवि के आकलन के लिए भाजपा गोपनीय तरीके से उनका रिपोर्ट कार्ड तैयार करा रही है। निकाय चुनाव को लोक सभा चुनाव के लिए पूर्वाभ्यास माना जा रहा था। ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने के लिए भाजपा ने अपने सांसदों से भी निकाय चुनाव में पूरे मनोयोग से जुटने का आह्वान किया था।

निकाय चुनाव में पार्टी को कई सांसदों के क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा है। निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी भले ही इसे अपनी ऐतिहासिक जीत बता रही है लेकिन वह हार के कारणों पर भी मंथन कर रही है। पार्टी को विभिन्न स्रोतों से मिल रहे फीडबैक के अनुसार कई स्थानों पर सांसदों के करीबी पार्टी से बगावत कर मैदान में उतरे तो कई जगहों पर उन्होंने भितरघात कर पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी को चुनाव में हराने में भूमिका निभाई।

ऐसे कुछ मामलों में सांसदों ने करीबियों को मूक समर्थन दिया। कई स्थानों पर अपने चहेते को टिकट न मिलने पर सांसद निकाय चुनाव में निष्क्रिय रहे। निकाय चुनाव का दायरा भले ही लोक सभा चुनाव से अलग हो, बावजूद इसके यह चुनाव कहीं न कहीं नगरों-महानगरों में सांसदों की लोकप्रियता और सक्रियता का संकेत भी हैं। भाजपा का लक्ष्य प्रदेश में लोकसभा की सभी सीटें जीतने का है।

ऐसे में वह अपने इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए जनता के बीच अपने सांसदों का निरपेक्ष और तथ्यपरक मूल्यांकन कर रही है। लोक सभा चुनाव के लिए पार्टी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती हैै। लिहाजा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करने में निकाय चुनाव में उनकी भूमिका और परिणाम का भी ख्याल रखा जाएगा। ऐसे में खराब प्रदर्शन करने वाले सांसदों के टिकट कट सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.