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सावधान! आ रहा कोहरा...कहर बनकर, 12 से 15 दिसंबर के बीच हाईवे को घेर लेगा Fog

राजधानी में 12 दिसंबर और 5 से सात जनवरी तक घने कोहरे का अलर्ट। वाहन चालक बरतें खास एहतियात।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 04:18 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 07:13 AM (IST)
सावधान! आ रहा कोहरा...कहर बनकर, 12 से 15 दिसंबर के बीच हाईवे को घेर लेगा Fog
सावधान! आ रहा कोहरा...कहर बनकर, 12 से 15 दिसंबर के बीच हाईवे को घेर लेगा Fog

लखनऊ [अनुज शुक्ल]। हाईवे और शहर की सड़कों पर रेगुलर रफ्तार भरने वाले अगले दो महीने के लिए सावधान हो जाएं। 12 से 15 दिसंबर के बीच कोहरे की चादर सड़कों पर पसर जाएगी। इसी के साथ चुनौती होगा ड्राइविंग करना क्योंकि, दृश्यता का पैमाना काफी घट जाएगा। पुराने आंकड़े बताते हैैं, जब-जब कोहरे की चादर को बेपरवाही से चीरने की कोशिश की गई, भीषण हादसे परिणती सामने आई और तमाम लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। यही कारण है, 'दैनिक जागरणÓ कोहरे की आमद से पहले आपको जगा रहा है। 15 जनवरी तक रफ्तार पर लगाम लगाकर ही हाईवे पर उतरें। 

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हाईवे पर कोहरा हर साल कहर बनता ही है। इस बार क्या स्थिति रहेगी, सबसे पहले यह जानें। मौसम विभाग के मुताबिक, घनघोर कोहरा 12 दिसंबर से दस्तक दे देगा। भले ही उसका असर शहरों में दिखने लेकिन हाईवे उसकी चपेट में रहने का पूरा अनुमान है। लिहाजा, वाहन चलाते वक्त दूर की जगह पास तक का देखने के लिए फॉग लाइट का इस्तेमाल करना होगा।

पोखर, नदी, नाले किनारे रहें सावधान 

हाईवे पर पड़े वाले पोखर, नदी, नाले के आसपास खास सतर्कता बरतें। इसलिए क्योंकि यहां कोहरा ज्यादा घना रहता है। लिहाजा, लाइट के साथ-साथ वाहनों के शीशे बराबर साफ करते रहें। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, 15 दिसंबर से सात जनवरी के बीच यह स्थिति बनी रहेगी। 

दिसंबर से बढ़ जाते हादसे 

हर साल दिसंबर आते ही स्मॉग और फिर कोहरा होने से सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ जाती है। आकड़े बताते हैं कि 15 नवंबर से जनवरी के बीच हुए सड़क हादसों में अन्य माह के अनुपात में करीब 35 प्रतिशत अधिक मौतें दुर्घटनाओं में होती हैं। 

15 नवंबर से 31 जनवरी के मध्य हादसे 

  • 15 नवंबर 2015 से 31 जनवरी 2016 तक कुल 259 हादसे
  • 163 घायल, 112 की मौत
  • 15 नवंबर 2016 से 31 जनवरी 2017 तक 319 हादसे 
  • 207 लोग घायल और 131 की मौत। 
  • 15 नवंबर 2017 से 31 जनवरी 2018 तक 278 हादसे
  • 154 लोग घायल और 129 की मौत।
  • 15 नवंबर 2018 से 31 जनवरी 2019 तक कुल 420 हादसे 
  • 241 घायल और 132 की मौत।

इन्होंने देखा मौत का मंजर...

दो बेटियों को खो दिया, अब बचा ही क्या : परिवार के साथ इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज चौराहे के पास स्थित फुटपाथ पर लेटे दिनेश को क्या पता था कि बस चालक की लापरवाही उसके परिवार पर कहर बनकर टूटेगी। चालक की झपकी से बस फुटपाथ पर चढ़ गई। चपेट में आकर बेटी खुशबू (13) और पूजा (6) की मौत हो गई। वहीं, दिनेश के साथ उसकी बेटी शिवानी व बेटा करन घायल हो गया। इस दुर्घटना ने पूरे परिवार को तोड़ दिया। घर की मालीहालत ठीक न होने से आसपास के लोगों की मदद से ब'चों का अंतिम संस्कार हुआ। घटना को याद कर आज भी परिवार सिहर उठता है।  

पति और मां को खो दिया : सीतापुर राजमार्ग पर प्राणि उद्यान में तैनात कर्मचारी छोटेलाल (52), पत्नी अन्नू (48) और सास सीता (70) के साथ सीतापुर से कार से लौट रहे थे। कार मडियांव अजीज नगर में ट्रक से टकरा गई। कार इंदिरानगर निवासी मनीष वैश्य (29) चला रहा था। दुर्घटना में छोटेलाल की सास सीता की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, छोटेलाल की ट्रॉमा सेंटर में मौत हो गई। पत्नी अन्नू और ओला चालक मनीष गंभीर रूप से घायल हो गए। अन्नू ने एक ही पल में पति व मां खो दिया।

सास और पति को खोया : सआदतगंज के लकड़मंडी निवासी प्रॉपर्टी डीलर कमाल अहमद पत्नी रूबी, बेटी सोमीन, बेटे बिलाल व मां हुसैन जहां के साथ कार से मोहान स्थित ससुराल जा रहे थे। शादी समारोह में शामिल होने जा रहे इस परिवार को पता नहीं था कि यह उनका एक साथ आखिरी सफर होगा। मोहान रोड पर ट्रक की टक्कर से सभी कार सवार घायल हो गए। उसमें से हुसैन जहां (60) व कमाल अहमद (45) की मौत हो गई। रूबी की आज भी वह मंजर याद कर रूह कांप जाती है।


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