बाढ़ ने किया भयभीत
लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोग अभी बाढ़ और कटान से भयभीत है। जहां एक ओर यमु
लखनऊ। प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोग अभी बाढ़ और कटान से भयभीत है। जहां एक ओर यमुना, केन, राप्ती, घाघरा समेत कई नदियां कहर बरपा रही है, वहीं गंगा व रामगंगा एक बार फिर से लोगों को डरा रही है।
नेपाल के सिक्टा बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण लाल निशान से ऊपर बह रही राप्ती ने बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में कहर बरपाना शुरू कर दिया है। श्रावस्ती के इकौना तहसील के नरायनपुर, रमनगरा, मोहनापुर व बैदौरा गांव के किनारे राप्ती नदी पहुंच गई है। बाढ़ व कटान से सैकड़ों एकड़ भूमि नदी में समा चुकी है। बहराइच में बुधवार को घाघराघाट के रेलवे गाइड बांध बीस मीटर से अधिक बहने के बाद अधिकारी शुक्रवार को आदमपुर रेवली तटबंध को बचाने में जुटे हैं। अस्थाई बांध बनाने का प्रयास हो रहा है। सीतापुर में 70 बीघा के करीब कृषि योग्य जमीन नदी में समा चुकी है। बांदा में बारिश से केन और यमुना में फिर से पानी बढ़ने लगा तो चित्रकूट मंदाकिनी और उसकी सहायक नदियां उफान पर हैं। हमीरपुर में बेतवा फिर विनाशकारी हो चली है तो उसकी सहायक नदी विरमा भी हाहाकार मचाए है। ब्रह्मानंद बांध से छोड़े गये पानी ने हालात और बिगाड़े हैं। जालौन में भी बेतवा और यमुना का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है।
फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर सेमी बढ़कर 136.20 सेमी पर पहुंच गया जो खतरे के निशान से अभी 20 सेमी दूर है। रामगंगा का जलस्तर 24 घंटे में आधा मीटर से ज्यादा बढ़ा। रामगंगा में उफान से हरदोई में उसकी सहायक नदी गर्रा डराने लगी है। संगम नगरी इलाहाबाद में बाढ़ की स्थिति अभी राहत भरी नही दिख रही है। प्रभावित लोग आज भी बेहाल हैं। हालांकि गंगा और यमुना की रफ्तार यहां धीमी हो गई है। बलिया में महीने भर से नदियों का घटता-बढ़ता पानी लोगों को सांसत में डाले हुए है। गंगा का पानी स्थिर रहते हुए भी बलिया-बैरिया बांध रोड पर हुकुमछपरा के पास स्पर को ध्वस्त कर नेशनल हाइवे पर तेज दबाव बनाए हुए है। गाजीपुर में बाढ़ के पानी के दबाव के चलते फखनपुरा ईदगाह के पास एनएच 31 की पुलिया ध्वस्त हो जाने से जिला मुख्यालय का बक्सर बिहार से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। तहसील मुख्यालय से भी क्षेत्र का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। मऊ व आजमगढ़ में घाघरा बढ़ रही है जबकि भदोही, वाराणसी, गाजीपुर व चंदौली में गंगा का जलस्तर घटा है।
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इंजन फेल, नाव समेत 22 लापता
बलिया जिले में कल बैरिया क्षेत्र के गोपालनगर से श्रीनगर के बाढ़ पीड़ितों की मदद को जा रही नाव का इंजन अचानक फेल हो गया और नाव घाघरा की धारा में लापता हो गई। इस पर 22 से अधिक लोग सवार थे। इस पर जिलाधिकारी ने आनन-फानन तलाश के लिए तीन अन्य नावों को रवाना किया, पर रात करीब 11 बजे तक नाव व उसमें सवार लोगों का पता नहीं चल सका था। गोपालनगर से श्रीनगर के लिए चली नाव के नाविक ने एक घाट पर नौरंगा जाने वाले लोगों को बैठा लिया था। बीच धारा में आते ही नाव का इंजन फेल हो गया और वह भंवर में फंस गई। जिस जगह हादसा हुआ, वह गंगा और घाघरा का संगम स्थल है और वहां धारा इन दिनों बेकाबू है।
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बाढ़ प्रभावितों की मदद में जुटी है सरकार : सपा
जाब्यू, लखनऊ : समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि सरकार बाढ़ से बचाव के लिए शिद्दत से जुटी है। पीड़ितों की मदद के लिए 8933 करोड़ रुपए व सम्पत्ति की भरपायी के लिए 7805 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं। बाढ़ में जिनके घर बह हैं, उनको आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 10 करोड़ रुपए सरकार ने आवंटित किए हैं। वर्ष 2012-13 के बजट में बाढ़ नियंत्रण व जल निकासी के लिए 724.75 करोड़ रुपए का इंतजाम किया जा चुका है। नहरों की सिल्ट सफाई में जन सहभागिता सुनिश्चित करने के सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने निर्देश दिए हैं। नदियों के तटबंध की कटान रोकने के लिए चार करोड़ पौधे लगाए जा रहे हैं।
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