UP में उफनाती नदियां मचा रहीं कहर, कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी; संपर्क कटा
झमाझम बारिश और बैराज से छोड़े जा रहे पानी के चलते उफनी उत्तर प्रदेश की बढ़ी नदियों समेत छोटी नदियां भी कहर बरपा रही हैं।
लखनऊ, जेएनएन। झमाझम बारिश और बैराज से छोड़े जा रहे पानी के चलते उफनी उत्तर प्रदेश की बढ़ी नदियों समेत छोटी नदियां भी कहर बरपा रही हैं। हालांकि मंगलवार को कुछ नदियों में जलस्तर घटा, लेकिन कुछ गांवों में बाढ़ का पानी घुसने का हालात चिंताजनक हैं। फसलें जलमग्न हैं। अलर्ट जारी कर प्रशासन की टीम और एनडीआरएफ बचाव कार्य में जुटी है।
हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से यमुना नदी में छोड़ा गया आठ लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया। इससे ग्रेटर नोएडा क्षेत्र के तिलवाड़ा गांव में 30 से अधिक लोग पानी के बीच यमुना नदी में फंस गए। सूचना मिलने पर प्रशासन के अधिकारी एनडीआरएफ की टीम के साथ मौके पर पहुंचे। टीम ने रेस्क्यू कर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है। जिससे गढ़मुक्तेश्वर में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। बढ़ते जल स्तर की चपेट में आने से एक मकान जमींदोज हो गया और फसलें जलमग्न हो गई हैं।
मेरठ में दो दिन रौद्र रूप दिखाने के बाद मंगलवार को गंगा तो कुछ शांत हुई है, लेकिन यमुना नदी अभी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। शामली और बागपत में अभी भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। कुछ गांवों व खेतों में पानी घुस गया है। बिजनौर व हस्तिनापुर खादर में गंगा का जलस्तर घटने से बाढ़ के खतरे से भयभीत लोगों ने राहत की सांस ली है। बुलंदशहर में गंगा का जलस्तर बढऩे के कारण अनूपशहर में पानी आबादी में घुसने लगा है। कटान भी शुरू हो गया है। बाढ़ चौकियों को अलर्ट किया गया है।
बदायूं में गंगा नदी का पानी सहसवान तहसील क्षेत्र के करीब आधा दर्जन गांव में घुस गया है। प्रशासन ने गांव खाली कराने के निर्देश दिए हैं। पीलीभीत में शारदा और देवहा नदी में जल स्तर बढ़ गया है। भूमि का कटान जारी है। हरिद्वार, बिजनौर और नरौरा बैराज से पानी के डिस्चार्ज से कासगंज में गंगा में उफान जारी है। तटवर्ती इलाकों में बचाव टीमें सतर्क कर दी गई हैं। आगरा में चंबल नदी का जलस्तर सोमवार की अपेक्षा मंगलवार को काफी गिर गया। अलीगढ़ में गंगा में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। यमुना में भी तेजी से जल स्तर बढ़ रहा है। जल स्तर खतरे के निशान से दो वर्ग मीटर नीचे चल रहा है। पीएसी यमुना व गंगा से लगते गांवों में भेजी जा रही है। यमुना के किनारे बसे दो गांवों में मुनादी करा दी। वहीं, कलक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया है।
हमीरपुर में मंगलवार दोपहर दो बजे तक यमुना का जलस्तर सामान्य रहा। फर्रुखाबाद गंगा लाल निशान से पांच सेंटीमीटर ऊपर बह रही है जबकि कानपुर, कन्नौज में गंगा, उरई में यमुना, हमीरपुर में बेतवा खतरे का निशान को छू रही है। औरैया में यमुना के जलस्तर में गिरावट आई है। इटावा में चंबल नदी का जल स्तर स्थिर होने के बाद से लगातार जल स्तर गिरना शुरू हो गया था। प्रयागराज में गंगा यमुना में पानी लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल गंगा यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर नीचे है। निचले इलाकों में पानी भर गया है। सड़कें डूब जाने से एक दूसरे गांव का आपस में संपर्क कट गया है। वहीं कछार में पानी भर जाने से हजारों बीघे धान, बाजरा और चरी आदि की फसल डूब गई हैं। कौशांबी में यमुना में पानी बढ़ने से नदी के किनारे के गढ़वा गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। ऐसे में लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं।