शारदा नदी में आई बाढ़, सीतापुर के कई गांव डूबे; ठहर गई जिंदगी
सीतापुर के रायमड़ोर गांव के कई घरों के किनारे से बह रही शारदा नदी की शोर मचाती लहरों ने उड़ा दी ग्रामीणों की नींद।
सीतापुर, जेएनएन। अरे भइया, यहां सब आते हैं। अधिकारी, नेता और कर्मचारी, लेकिन हम लोगों का डर अभी दूर नहीं हुआ। रात में नदी की लहरों का शोर सुनाई देता है तो, नींद अपने-आप गायब हो जाती है। पता नहीं कब पानी बढ़े और हमारा आशियाना अपने साथ बहाकर ले जाए। नदी की इस धार में कई घर समा चुके हैं। गांव के कई घर किसी भी समय इसकी चपेट में आ सकते हैं। जब से बरसात शुरू हुई है हम लोग सहमे-सहमे हैं। ये दर्द बयां किया, घर की खिड़की और झोपड़ी के किनारे से नदी की बढ़ती लहरों को देखते विकास खंड के गांव रायमडोर के निवासियों ने। यहां, नदी गांव के बिल्कुल समीप है और ग्रामीण भय के साए में हैं। बचाव कार्य तो शुरू कराया गया, लेकिन लेटलतीफी ने ग्रामीणों की सांसें बढ़ा रखी हैं। ग्रामीणों की एक शिकायत ये भी है कि, जहां नदी घर के बिल्कुल करीब है अभी वहां काम ही नहीं कराया गया। जिम्मेदारों ने काम अधूरा छोड़ दिया है।
आए हो फोटो खींच लो, हम लोग इसी हाल में रहेंगे
घनश्याम, जगमोहन, रामलखन, आशाराम व सत्रोहन आदि ग्रामीणों के घर बिल्कुल नदी के किनारे पर हैं। बचाव के बारे में उनका कहना था कि, आप लोग आए हैं, फोटो खींच लीजिए। हम लोगों के हालत बदलने वाले नहीं है, क्योंकि अधिकारी सिर्फ आश्वासन देते हैं और काम के नाम पर दिखावा किया जाता है।
कटान से बेपरवाह, कैमरे से देखते हैं बचाव कार्य
गांव रायमड़ोर में ङ्क्षसचाई विभाग की ओर से दो सीसी कैमरे लगवाए गए हैं। मुसाफिर नाम का कर्मचारी इन कैमरों से बचाव कार्य और उसमें प्रयोग होने वाली सामग्री की निगरानी करता है। नदी का पानी कितना बढ़ा और गांव के लोगों का दर्द कया है, ये जानने के लिए विभाग के जिम्मेदार भी नियमित नहीं आते। काम कराने वाले जेई भी नदारद रहते हैं।