Move to Jagran APP

इलाहाबाद व वाराणसी में बाढ़ की स्थिति गंभीर

गंगा तथा यमुना नदी का पानी लगातार बढऩे से आज इलाहाबाद के कई मोहल्ले के घरों में पानी घुस गया है। वाराणसी की गलियों में भी पानी भरने के कारण लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 22 Aug 2016 10:35 AM (IST)Updated: Mon, 22 Aug 2016 01:45 PM (IST)
इलाहाबाद व वाराणसी में बाढ़ की स्थिति गंभीर

लखनऊ (वेब डेस्क)। उत्तर प्रदेश में गंगा व यमुना के साथ अन्य नदियों में लगातार पानी बढऩे से बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इस समय प्रदेश के करीब 15-16 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं।

loksabha election banner

गंगा तथा यमुना नदी का पानी लगातार बढऩे से आज इलाहाबाद जिले के कई मोहल्ले के घरों में पानी घुस गया है। वाराणसी की गलियों में भी पानी भरने के कारण लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हो रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में नदियां उफनाई, इलाहाबाद में बाढ़ विकराल

वाराणसी के कई इलाकों में गंगा नदी का पानी भर गया है। शहर पर बाढ़ का ख़तरा पैदा हो गया है। इलाहाबाद के कई क्षेत्रों में पानी घुस गया है। शहर के कई इलाक़ों में पानी भर गया है। इसके साथ ही शारदा और घाघरा का जल स्तर बढऩे की वजह से महोबा, बांदा, चित्रकूट, वाराणसी, इलाहाबाद, बलिया और गाजीपुर के कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गई है।उत्तर प्रदेश व बिहार की सीमा से लगे क्षेत्रों में कर्मनाशा नदी में बाढ़ के हालात हैं।

तस्वीरों में देखें-बाढ़ में डूबी संगमनगरी इलाहाबाद

इलाहाबाद में गंगा -यमुना की बाढ़ लगातार विकराल हो रही है। आज सुबह गंगा ने फाफामऊ में 86.04 मीटर का आंकड़ा छू लिया। यमुना का जलस्तर नैनी में 85.91 मीटर था। गंगा के जलस्तर में तीन सेमी प्रति घंटे की वृद्धि सुबह आठ बजे हो रही थी। इसी अवधि में यमुना में 1 से दो मीटर प्रति घंटे की बढ़त थी।

नदियों में उफान से विभीषिका कई जिलों में बनी हुई है। हजारों लोग बेघर होकर राहत शिविरों में पहुंच चुके हैं। बचाव में एनडीआरएफ की टीमें जुटी हैं। कई क्षेत्रों में नावों के सहारे आवागमन हो रहा है।

अब रौद्र रूप दिखाने लगीं उत्तर प्रदेश की नदियां

इलाहाबाद में अब तक 12 हजार से ज्यादा लोग बेघरबार हो गए हैं। उन्हें राहत शिविरों में ठहराया गया है। प्रशासन ने एनडीआरएफ की 35 टीमों की मांग की है। सेना पहले से ही सतर्क है। यमुनापार में हालात ज्यादा खराब है। यहां टोंस भी उफनाई हुई है। रेलवे ने भी यमुना पुल की निगहबानी बढ़ा दी है। यमुना नैनी रेलवे ब्रिज पर हर तैनात कर्मचारी हर घंटे की रिपोर्ट दे रहे हैं। शहर के नालों में बैक फ्लो से तमाम नए इलाकों में भी पानी घुस गया है।

उत्तर प्रदेश में नदियों के कहर से हजारों बेघर

कानपुर मध्य प्रदेश व नरौरा से छोड़े गए पानी ने बुंदेलखंड व मध्य यूपी में बहने वाली नदियों में उफान ला दिया है। फतेहपुर में रौद्र रूप में आई केन का असर यमुना नदी में समागम स्थल पर भयावह हो गया है। ललौली के पास ही केन यमुना नदी में गिरती है। यहां यमुना तीन मीटर तक बढ़ गई है। जिले में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। हमीरपुर में भी यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर लगातार बढऩे लगा है। फर्रुखाबाद में गंगा का जलस्तर चेतावनी ङ्क्षबदु से ऊपर दर्ज किया गया। कानपुर, उन्नाव, कन्नौज तथा हरदोई में भी गंगा का उफान देखते ही बन रहा है। बांदा में केन के कहर से तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोग भयभीत हैं। चित्रकूट में मंदाकिनी के जलस्तर में कल तो स्थिरता देखी गई है।

अब रौद्र रूप दिखाने लगीं उत्तर प्रदेश की नदियां

पूर्वी उत्तर प्रदेश के मीरजापुर से लेकर बलिया तक बाढ़ का कहर जारी है। गंगा, घाघरा और उसकी सहायक नदियों के प्रकोप से सोनभद्र, भदोही, चंदौली, वाराणसी, गाजीपुर, आजमगढ़ व मऊ जिलों में तटवर्ती क्षेत्र से लोगों का पलायन तेज हुआ है। बलिया व गाजीपुर में जहां एनडीआरएफ और जलपुलिस ने मोर्चा संभाल लिया है वहीं बाढ़ के चलते ट्रैक पर पानी भरने से बलिया-छपरा रेलखंड पर करीब आठ घंटा ट्रेन सेवाएं ठप रही।

काशी और इलाहाबाद में गंगा आबादी की ओर, रिहंद सहित सभी बांध लबालब

इस दौरान दर्जनों ट्रेनें जहां की तहां खड़ी रहीं। मशक्कत के बाद अधिकारियों ने रेल परिचालन बहाल कराया। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने बैरिया तहसील के स्कूलों एवं कालेजों को कल तक के लिए बंद करा दिया है। गाजीपुर में गंगा ने कई नए इलाके बाढ़ की चपेट ले लिया है।

मीरजापुर में बाढ़ से मझवां के भटौली घाट पक्का पुल मार्ग बह गया। कोन, मझवां, सीखड़, छानबे व पडऱी में बाढ़ के पानी से पचास गांव घिर गए हैं। बाढ़ के कारण इलाहाबाद- मीरजापुर मार्ग पर आवागमन ठप होने के कारण इलाहाबाद की बसों को गोपीगंज के रास्ते चलाया जा रह है।

सोनभद्र में खोले गए धंधरौल बांध के 12 फाटक

जिले में बेलन, अदवा, जरगो व बकहर नदी में अभी भी उफान है। अहरौरा, सिरसी, अदवा जलाशय का दस फाटक खोलकर दस हजार क्यूसेक पानी बहाया जा रहा है। बलिया जनपद में बाढ़ की स्थिति और भयावह हो गई है। एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी के जवानों ने मोर्चा संभाल लिया है। गंगा हाई डेंजर लेबल से ऊपर बह रही है। दूबे छपरा रिंग बंधे पर पानी का दबाव बना हुआ है।

रिहंद का जलस्तर लाल निशान की ओर, बीस फीट रिकार्ड पानी बढ़ा

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए छपरा-बलिया के बीच रात 11 बजे से सुबह आठ बजे तक रेल परिचालन ठप था। एनएच 31 पर भी पानी का दबाव बना हुआ है। वाराणसी में 72.08 मीटर गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया। दो सेमी प्रतिघंटे से अभी भी बढ़ाव जारी है। वहीं वरुणा में पलट प्रवाह से पानी तटवर्ती इलाकों में फैल रहा है। 104 गांव व मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। सैकड़ों परिवार पलायन कर चुके हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.