आदमखोर हो चुके वन्यजीवों के पुनर्वास के लिए यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में बनेंगे पांच रेस्क्यू सेंटर
इटावा के अलावा बाकी चार रेस्क्यू सेंटर जंगल से लगी वन विभाग की जमीन पर स्थापित किये जाएंगे। राज्य सरकार इनके लिए धनराशि मुहैया कराएगी।
लखनऊ [राजीव दीक्षित]। आदमखोर हो चुके जंगली जानवरों या शिकार की तलाश में आदतन आबादी के बीच आने वाले वन्यजीवों के पुनर्वास के लिए उत्तर प्रदेश में रेस्क्यू सेंटर स्थापित किये जाएंगे। वन विभाग की प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पांच रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने की योजना है।
जंगलों पर बढ़ते इंसानों के दबाव के कारण आये दिन मानवों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की घटनाएं होती रहती हैं। आदमखोर बन चुके या भोजन की तलाश में आये दिन आबादी के बीच आने वाले जंगली जानवरों को पकड़कर उनके पुनर्वास के लिए वन विभाग अभी तक प्राणि उद्यानों में भेजता था। प्राणि उद्यानों में ऐसे वन्यजीवों को अलग रखा जाता था। बाद में यह महसूस होने पर कि वन्यजीव अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति की ओर लौट चुका है, उसे जंगल में छोड़ दिया जाता था या प्राणि उद्यान में ही रख लिया जाता था।
प्रदेश में लखनऊ और कानपुर में ही प्राणि उद्यान हैं। इटावा लायन सफारी को मिनी जू का दर्जा हासिल है। गोरखपुर में प्राणि उद्यान का निर्माण अभी जारी है। प्राणि उद्यानों में सीमित स्थान होने के कारण मानव-वन्यजीव संघर्षों में पकड़े जाने वाले जंगली जानवरों को उनमें रखने में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए सेंट्रल जू अथारिटी (सीजेडए) ने ऐसे जानवरों के पुनर्वास के लिए रेस्क्यू सेंटर की स्थापना का निर्देश दिया है। सीजेडए के निर्देश पर वन विभाग ने बुंदेलखंड में चित्रकूट, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मेरठ, तराई क्षेत्र में पीलीभीत और पूर्वांचल में महाराजगंज में रेस्क्यू सेंटर की स्थापना की योजना बनायी है। इनके अलावा इटावा लायन सफारी में प्रस्तावित रेस्क्यू सेंटर का डिजाइन सीजेडए से स्वीकृत है।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) सुनील पांडेय ने बताया कि इटावा के अलावा बाकी चार रेस्क्यू सेंटर जंगल से लगी वन विभाग की जमीन पर स्थापित किये जाएंगे। राज्य सरकार इनके लिए धनराशि मुहैया कराएगी। रेस्क्यू सेंटर इसी वर्ष स्थापित करने की इरादा है।