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इलाहाबाद में अंतराष्ट्रीय तस्करों से पांच लाख के जाली नोट बरामद

जाली नोटों के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाले दो तस्कर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हत्थे चढ़ गए। जाली नोटों का अंतरराष्ट्रीय तस्कर पश्चिम बंगाल के मो.हमीदुर शेख उर्फ हामिद और आजमगढ़ के अजीत राय उर्फ शुड्डू को शुक्रवार को इलाहाबाद के कीडगंज से गिरफ्तार किया गया। दोनों

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2015 08:27 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2015 08:35 PM (IST)
इलाहाबाद में अंतराष्ट्रीय तस्करों से पांच लाख के जाली नोट बरामद

लखनऊ। जाली नोटों के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाले दो तस्कर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हत्थे चढ़ गए। जाली नोटों का अंतरराष्ट्रीय तस्कर पश्चिम बंगाल के मो.हमीदुर शेख उर्फ हामिद और आजमगढ़ के अजीत राय उर्फ शुड्डू को शुक्रवार को इलाहाबाद के कीडगंज से गिरफ्तार किया गया। दोनों के पास से पांच लाख रुपये के जाली नोट, 1790 रुपये असली, बाइक, मोबाइल और मतदाता पहचान पत्र बरामद हुए हैं।

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पश्चिम बंगाल के माल्दा जिले के मोमिना पाड़ा मजमपुर निवासी हामिद पिछले पांच साल से जाली नोटों की तस्करी कर रहा था। वह शुक्रवार सुबह वाराणसी पहुंचा। वहां पर आजमगढ़ जिले के भवरूपुर गांव निवासी भगवान प्रसाद राय का बेटा अजीत उससे मिला। अजीत को हामिद ने चार लाख रुपये दिये। फिर उसने अजीत से बताया कि इलाहाबाद के करछना में रहने वाले प्रधान के पास भी एक लाख रुपये के जाली नोट पहुंचाने हैं। इस पर वह अजीत के साथ बाइक से करछना के लिए निकल पड़ा। तभी एसटीएफ की इलाहाबाद यूनिट ने बैरहना रेलवे क्रासिंग के पास से दोनों तस्करों को पकड़ लिया गया।

कई राज्यों में फैला है नेटवर्क

जाली नोट के तस्करों का नेटवर्क कई राज्यों में फैला है। एसटीएफ को पता चला है कि हामिद की ससुराल बांग्लादेश के गुलाबीगंज जिले में है। यहीं पर रहने वाले उसके साढ़ू अली का संपर्क मालदा के दल्लू उर्फ सत्तार, बुड्ढा और झारखंड के निजाम से है। इन्हीं लोगों से जाली नोट लेकर हामिद तस्करी करता था। हामिद इलाहाबाद के मेजा निवासी राम मिलन पटेल, बेंचू और करछना के प्रधान को जाली नोट की सप्लाई करता था। वह अजीत को करीब 32 लाख रुपये, राम मिलन को 20 लाख और बेंचू व प्रधान को 50 लाख से अधिक के जाली नोट दे चुका है।

32 हजार में एक लाख रुपये

हामिद बांग्लादेश में रहने वाले तस्करों से 32 हजार रुपये में एक लाख रुपये की जाली नोट लेता था। जिसे 37 से 40 हजार में दूसरे लोगों को देता था। पूछताछ में यह भी पता चला कि अजीत राय बीए तक पढ़ा है। वह अपने पड़ोसी गांव के शफीक के संपर्क में आया था। फूलपुर से जाली नोट के मामले में शफीक की गिरफ्तारी होने के बाद अजीत का परिचय हामिद से हुआ था।


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