उन्नाव कांड में विधायक के भाई समेत पांच के खिलाफ चार्जशीट
उन्नाव विधायक कांड में सीबीआइ ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित पांच आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव विधायक कांड में शनिवार को सीबीआइ ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर सहित पांच आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया। आरोप पत्र सीबीआइ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सपना त्रिपाठी की अदालत में दाखिल किया गया है।
अदालत ने आरोपित विनीत मिश्रा उर्फ विनय मिश्रा, वीरेंद्र सिंह उर्फ बबुआ सिंह, राम शरण सिंह उर्फ सोनू सिंह, अतुल सिंह सेंगर उर्फ जयदीप सिंह और शशि प्रताप उर्फ सुमन सिंह को आगामी 11 जुलाई को जेल से तलब करते हुए आरोप-पत्र पर संज्ञान लिए जाने के बिंदु पर सुनवाई किए जाने को कहा है। सीबीआइ की ओर से विवेचक अनिल कुमार ने जेल में निरुद्ध शैलू उर्फ शैलेंद्र सिंह के विरुद्ध हत्या का साक्ष्य न पाते हुए क्लीन चिट देकर अंतिम रिपोर्ट दाखिल की है। इस पर अदालत ने शैलू को 50 हजार रुपये का बंध पत्र दाखिल करने पर रिहा किए जाने का आदेश दिया है।
सीबीआइ की ओर से अदालत के समक्ष दाखिल आरोप-पत्र में हत्या और बलवा सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप लगाया है। जिसकी सूची में 76 अभियोजन गवाह बनाकर 53 दस्तावेजी साक्ष्य जुटाए गए हैं। सीबीआइ चार्जशीट के अनुसार सभी आरोपितों पर समान आशय से पीडि़ता के पिता को चोट पहुंचा कर हत्या किए जाने का प्रथम दृष्ट्या आरोप है। आरोप-पत्र में सीबीआइ की ओर से कहा गया है कि हत्या की घटना एवं सामूहिक दुष्कर्म की घटनाओं की सीबीआइ द्वारा विवेचना की गई है। विवेचना के दौरान पता चला दुष्कर्म पीडि़ता की ओर से उसकी मां द्वारा गत 12 फरवरी को विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ अदालत में अर्जी दी गई थी। जिसकी पैरवी के लिए उसके पिता उन्नाव की अदालत गए थे। कहा गया है कि जब वे उन्नाव अदालत से घर वापस आ रहे थे, तभी शशि प्रताप सिंह उर्फ सुमन सिंह उनसे बाबू खेड़ा एवं सराई ठोक माखी के बीच कहा सुनी हो गई। जिस पर पीडि़ता के पिता ने विधायक कुलदीप सेंगर एवं उसके भाई अतुल सिंह को गाली दी थी। इस बात की जानकारी शशि प्रताप सिंह ने वीरेंद्र सिंह उर्फ बबुआ को दी तथा वीरेंद्र सिंह ने यह बात विनीत मिश्रा को बताई। बाद में विनीत मिश्रा ने पूरी बात अतुल सिंह को फोन से बताई।
कहा गया है कि विनीत मिश्रा ने यह बात फोन से जब अतुल सिंह को बताई थी तब वह अपने साथियों के साथ माखी से उन्नाव की ओर जा रहे थे। सीबीआइ विवेचना के अनुसार अतुल सिंह की गाड़ी में लक्ष्मीकांत यादव, राघवेन्द्र सिंह तथा सचिन त्रिवेदी थे। जहां से यह लोग गांव पहुंचे एवं पीडि़ता के पिता को रायफल एवं पिस्तौल की बट के अलावा लात घूंसों से मारा पीटा। मारने पीटने के बाद पिता एवं उसके साथी को घायलावस्था में छोड़ दिया। इसके बाद पिस्तौल रखने के आरोप में घायल अवस्था में पीडि़ता के पिता को जेल भेज दिया गया। जहां गंभीर चोटों के कारण आठ अप्रैल को उन्नाव के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया एवं अगले दिन नौ अप्रैल को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।