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Ambulance case: विधायक मुख्‍तार अंसारी के प्रतिनिधि सहित पांच आरोपितों की गिरफ्तारी बनी चुनौती

एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि आरोपितों की तलाश में लगातार संभावित स्थानों पर दबिश जारी है। बुधवार देर शाम अथवा गुरुवार सुबह पुलिस की टीम रवाना की जाएगी। जल्द ही पुलिस आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने में सफल रहेगी।

By Mahendra PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 05:13 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 05:13 PM (IST)
Ambulance case: विधायक मुख्‍तार अंसारी के प्रतिनिधि सहित पांच आरोपितों की गिरफ्तारी बनी चुनौती
मुख्‍तार अंसारी एंबुलेस केस में पुलिस अन्‍य आरोपितों की गिरफ्तारी की कर रही तैयारी

बाराबंकी, जेएनएन। एंबुलेंस प्रकरण में विधायक मुख्तार अंसारी के फरार विधायक प्रतिनिधि मुजाहिद और शाहिद सहित पांच लोगों की गिरफ्तारी पुलिस टीम के लिए चुनौती बनी हुई है। ये आरोपित मऊ, लखनऊ और गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं। बुधवार की देर शाम या गुरुवार को पुलिस टीम मऊ व लखनऊ के लिए रवाना होगी।

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आठ वर्ष पहले बाराबंकी में जाली दस्तावेजों के आधार पर मऊ के एक हास्पिटल के नाम से फर्जी पते पर एंबुलेंस पंजीकृत कराई गई थी। इसका राजफाश होने पर पुलिस ने दो अप्रैल को मऊ के हास्पिटल की संचालिका डा. अलका राय पर मुकदमा किया था। अलका के बयान के आधार पुलिस ने इसमेें मुख्तार अंसारी, उसके विधायक प्रतिनिधि मो. शोएब मुजाहिद, करीबी मो. जाफरी उर्फ शाहिद सहित छह लोगों को आरोपित बनाया गया। अलका राय, शेष नाथ राय, आनंद और राजनाथ यादव को पुलिस ने जेल भेजा, लेकिन मुजाहिद और शाहिद का पता नहीं लगाया जा सका। अब इस मुकदमे में गाजीपुर के रहने वाले एंबुलेंस चालक सलीम, सुरेंद्र शर्मा और अफरोज खान को भी शामिल किया गया। एसपी यमुना प्रसाद ने बताया कि आरोपितों की तलाश में लगातार संभावित स्थानों पर दबिश जारी है। बुधवार देर शाम अथवा गुरुवार सुबह पुलिस की टीम रवाना की जाएगी। जल्द ही पुलिस आरोपितों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने में सफल रहेगी। 

ये है एंबुलेंस प्रकरण : बीते महीने मुख्तार अंसारी को जिस बुलेट प्रुफ एंबुलेंस से मोहाली कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था, उसका रजिस्ट्रेशन श्याम संजीवनी अस्पताल बाराबंकी के नाम से फर्जी रूप से दर्ज था। जांच पड़ताल में श्याम संजीवनी हास्पिटल की संचालिका डा. अलका राय का नाम प्रकाश में आया। इस आधार पर बाराबंकी में एक अप्रैल को ही एआरटीओ द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसके बाद डा. अलका राय ने शुक्रवार को बलिया मोड़ स्थित अपने अस्पताल पर प्रेसवार्ता कर अपनी सफाई दी थीं कि वर्ष 2013 में विधायक निधि से अस्पताल को एंबुलेंस देने के लिए कुछ कागजों पर अस्पताल के डायरेक्टर व उनके भाई से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि मुजाहिद ने दस्तखत कराए थे और मात्र एक चेक पंद्रह या बीस हजार का लिया था। वर्ष 2015 में एंबुलेंस को हस्तांतरण करने के लिए भी हस्ताक्षर करवाया गया था। एंबुलेंस के पंजीयन संख्या यूपी-41 एटी-7171 के बारे में सिरे से उन्होंने नकार दिया था।


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