Coronavirus Case: प्रदेश के पहले एड्स रोगी ने दी कोरोना को मात, दुर्घटना में हुई थी हेड इंजरी
केजीएमयू में एक एड्स पीड़ित युवक दुर्घटना में हो गया था घायल हुआ था कोरोना से जीती जंग।
लखनऊ, जेएनएन। वैसे तो बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक कोरोना को मात देकर बाहर आ रहे हैं, लेकिन सोमवार को केजीएमयू में एड्स पीड़ित 34 वर्षीय एक युवक ने कोरोना को मात देकर अन्य मरीजों के हौसले को भी बढ़ा दिया है। यह प्रदेश का पहला एड्स रोगी है, जिसने कोरोना से जंग जीती है। एड्स पीड़ित युवक दिल्ली से गोंडा जाते वक्त सड़क दुर्घटना का शिकार होने के बाद केजीएमयू में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान इसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसे आइसोलेशन में रख दिया गया। तभी इसके एड्स पीड़ित होने की भी जानकारी मिली, जिसका इलाज पहले से ही चल रहा था। युवक के एड्स पीड़ित होने के मद्देनजर डॉक्टरों ने उसके खान-पान का विशेष ध्यान रखा, ताकि इम्युनिटी कम न होने पाए।
सामान्य तौर पर एड्स पीड़ित मरीज की इम्युनिटी बेहद कम होती है। कोरोना से जंग जीतने के लिए अच्छी इम्युनिटी का होना बेहद जरूरी होता है। तभी शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण हो पाता है। इसलिए उसकी एड्स की दवाएं भी नियमित चलाई जाती रहीं।
14 दिन रहेगा क्वारंटाइन
मेडिसिन विभाग के डॉक्टर डी. हिमांशु ने बताया कि दो बार युवक की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद उसे सोमवार को छुट्टी दे दी गई। अगले 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहने को कहा गया है। केजीएमयू के कुलपति ने कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए पहला अवसर है जब एड्स से पीड़ित होते हुए भी युवक को डॉक्टरों की मेहनत से सिर्फ छह दिन में कोरोना के संक्रमण से मुक्त किया गया। सिर में चोट की वजह से उसका व्यवहार भी आसामान्य हो गया था। कई बार वह भागने की कोशिश भी कर रहा था। बावजूद अब ठीक है। एड्स रोगी की रोगप्रतिरोधक क्षमता पहले से ही कम होती है। ऐसे में इस रोगी का ठीक होना अन्य कोरोना संक्रमितों के लिए अच्छा संकेत है।