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Diwali 2020: लखनऊ में पटाखा व्यापारियों का निकला दीवाली से पहले दिवाला, कारोबार भी हुआ चौपट

Diwali 2020 एनजीटी के देर से आए फैसले से भारी मात्रा में आतिशबाजी डंप हो गई है। पिछली बार हुआ था 35 करोड़ का कारोबार। फुटकर-थोक बाजार और आसपास के दो दर्जन जिलों में करोड़ों का माल हुआ डंप।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 08:28 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 01:52 PM (IST)
Diwali 2020: लखनऊ में पटाखा व्यापारियों का निकला दीवाली से पहले दिवाला, कारोबार भी हुआ चौपट
Diwali 2020: डंप हुई आतिशबाजी, फुटकर कारोबार भी हुआ चौपट।

लखनऊ [नीरज मिश्र]।  Diwali 2020: अचानक आए एनजीटी के फैसले से दीपावली के पहले ही पटाखा व्यापारियों का दिवाला निकल गया है। हमेशा की तरह ही लाइसेंसधारी व्यापारियों ने पहले से ही पटाखा की खरीद कर ली थी। सीजनल इस कारोबार में वे अपनी सारी पूंजी लगा चुके हैं। व्यापारियों का कहना है कि एनजीटी के देर से आए फैसले से भारी मात्रा में आतिशबाजी डंप हो गई है। वहीं कर्ज और जेवरात रेहन रखकर लाखों का कर्ज लेने वाले फुटकर व्यापारी तबाही की ओर पहुंच गए हैं। आतिशबाजी का भंडारण कर चुके व्यापारी कह रहे हैं कि अब माल लेकर जाएं तो जाएं कहां? बड़ी पूंजी फंस गई है। पिछली बार हुआ था 35 करोड़ का कारोबार। फुटकर-थोक बाजार और आसपास के दो दर्जन जिलों में करोड़ों का माल हुआ डंप।

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फुटकर कारोबारी बोले

जेवरात रेहन रखकर लिया था इस सीजनल कारोबार के लिए कर्ज

  • बाराबिरवा फुटकर व्यापारी संजीव गुप्ता के मुताबिक, जेवरात रेहन रखकर कर्ज लिया था। लाखों का माल ले लिया अब उसे कहां ले जाएं। आंखों के सामने अंधेरा छाया हुआ है। इस तरह के आदेश पहले आ जाने चाहिए जिससे गरीब या छोटी पूंजी वाले व्यापारी तबाही से बच जाते क्या करें?
  • आलमबाग के फुटकर व्यापारी मिथिलेश कुमार के मुताबिक, पांच फीसद ब्याज पर पैसा लिया था। तीन लाख रुपये जुटाकर माल लिया था। दो लाख की अलग से व्यवस्था रेहन आदि रखकर की गई थी। अब मुनाफा की कौन कहे पूंजी तक फंस गई है। इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। आखिर बर्बाद छोटी पूंजी वाला व्यापारी कहां जाएं? 
  • फीनिक्स माल के पीछे दुकान लगाने वाले फुटकर व्यापारी गौरव जायसवाल-मनोज विश्वकर्मा कहते हैं कि दीपावली से पहले ही दिवाला निकल गया है। कहां? जाएं? तबाही आ गई तो गलत नहीं होगा। अचानक आए निर्णय से कारोबार खत्म हो गया है। फिनिक्स मॉल के पीछे दुकानें लगाने वाले फुटकर व्यापारियों का दर्द है कि फैसला पहले हो जाना चाहिए था। लेकिन अचानक निर्णय से इस माल को कहां? ले जाएं?

साठ फीसद डंप हो गई आतिशबाजी, बड़ी चपत लगी

लखनऊ पटाखा व्यापार महामंत्री मंडल सतीश मिश्र के मुताबिक, पहले से यह निर्णय किए जाते हैं। गाइड लाइन इको ग्रीन पटाखों को लेकर थी। जब माल आ गया तो एक दो दिन की बिक्री के बाद अब अचानक निर्णय आने से माल डंप हो गया है। बड़ी चपत लगी है। न केवल थोक कारोबार फुटकर व्यापारी तो सड़क पर आ गया है। 

बोले थोक कारोबारी

  • आतिशबाजी के थोक कारोबारी अर्पित जायसवाल ने बताया कि कोरोना के बाद आतिशबाजी कारोबारियों पर पहाड़ टूट पड़ा है। हमेशा की तरह कर्ज लेकर इस सीजनल कारोबार में पूंजी फंसाई गई थी। अब तो पैसा डूब गया है। आसपास के छूट वाले जिन जिलों में बिक्री को लेकर बातचीत चल रही है उस पर छोटे कारोबारियों को माल बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है।
  • पटाखा कारोबारी गुलशेर आजाद बताते हैं कि कुछ दिनों के इस सीजनल काम से पूरे बरस खर्च चलता है। अचानक आए फरमान से सबकुछ हाथ से निकल गया है। पूंजी फंस गई है। वजह यह है कि शिवाकाशी समेत बड़े स्थानों से माल की अग्रिम बुकिंग तीन से चार माह पहले करा दी जाती है। ऐसे में अचानक आए इन निर्देशों ने आतिशबाजी कारोबारियों का सड़क पर ला दिया है।

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