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लखनऊ की प्लाई फैक्ट्री में भीषण आग, तीन झुलसे-एक लापता; छह घंटे में पाया काबू

लखनऊ के ऐशबाग स्थित प्लाई फैक्ट्री में लगी भीषण आग। गलियां संकरी होने से समय पर नहीं पहुंच सके दमकल वाहन। दमकल गाडिय़ों ने छह घंटे से ज्यादा मशक्कत के बाद हालात पर पाया काबू।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 03:32 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 07:58 AM (IST)
लखनऊ की प्लाई फैक्ट्री में भीषण आग, तीन झुलसे-एक लापता; छह घंटे में पाया काबू
लखनऊ की प्लाई फैक्ट्री में भीषण आग, तीन झुलसे-एक लापता; छह घंटे में पाया काबू

लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के ऐशबाग स्थित प्लाई फैक्ट्री में बुधवार दोपहर अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटों ने फैक्ट्री में रखी प्लाई ने अपनी चपेट में ले लिया। धुंआ उठता देख इलाके में अफरातफरी मच गई।  घटना में फैक्‍ट्री में काम कर रहे तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए। घायलों को उपचार के लिए भेजा जा रहा है। हालांकि, अभी आग लगने के कारणों व नुकसान का पता नहीं लग सका है। आग पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। 

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चीख-पुकार सुन दौड़े लोग, नौ दमकल गाडि़यों ने 6 घंटे में पाया काबू 

मामला ऐशबाग में ठग्गू तिराहे के पास का है। यहां पंजाब टिंबर स्टोर नामक प्लाई फैक्ट्री लंबे समय से स्थापित है। टिंबर का लाइसेंस धर्मवीर के नाम से है। बुधवार दोपहर फैक्ट्री में अचानक आग लग गई। प्लाई और केमिकल होने के कारण आग भड़क गई। फैक्ट्री में काम कर रहे मजदूर भी आग में फंस गए। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों ने आग पर काबू पाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। बाजारखाला पुलिस फायर सर्विस के साथ मौके पर पहुंची। लगभग छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल की नौ गाडिय़ों ने आग पर काबू पाया। आग बुझाने में 50 से अधिक टैंकर पानी का इस्तेमाल किया गया। एसीपी बाजारखाला अनिल कुमार यादव के मुताबिक आग पर काबू पा लिया गया है। लापता मजदूर की तलाश की जा रही है। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

बाल-बाल बची जान, भाई लापता

अग्निकांड में फैक्ट्री के भीतर फंसे तीन मजदूरों को किसी तरह बाहर निकाला जा सका। इस दौरान तीनों आग से झुलस गए। इनमें सीतापुर निवासी वीरेंद्र कुमार, मिथिलेश और सोहरामऊ उन्नाव निवासी सोनू शामिल हैं। तीनों को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सोनू के मुताबिक फैक्ट्री में उसका भाई करन भी काम कर रहा था, जो लापता है। सोनू को यह नहीं पता कि उसका भाई बाहर निकल पाया था या नहीं। पुलिस आग पर काबू पाने के बाद सर्च ऑपरेशन कर रही है। हालांकि, देर रात तक करन का कुछ सुराग नहीं मिल सका था।

रात तक उठता रहा धुआं

आग की सूचना पाकर चौक फायर स्टेशन से निकली गाडिय़ां संकरी गलियों में फंसती चली गईं। इसकी वजह से उन्हें मौके पर पहुंचने में देरी हुई और आग विकराल रूप लेती गई। किसी तरह फायर विभाग के कर्मचारियों ने पाइप की मदद से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। हालांकि, भीषण आग की लपटों को बुझाने में दमकलकर्मियों को छह घंटे से ज्यादा समय लगा। बुधवार रात तक फैक्ट्री से धुआं निकल रहा था।

आग से बचाव के नहीं थे संसाधन, घरों से बाहर निकले लोग

घनी आबादी के बीच बनी इस फैक्ट्री में आग कैसे लगी, इसका पता नहीं चल पाया है। स्थानीय लोगों के मुताबिक फैक्ट्री में आग से बचाव के संसाधन नहीं थे। भीषण आग देखकर आसपास के मकानों में रहने वाले लोग घरों से बाहर निकल आए। फैक्ट्री में एक के बाद एक कई धमाके भी हुए, जिनकी लपटें दूर तक गईं। वहीं, भीषण धुएं की वजह से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। एसीपी बाजारखाला के मुताबिक टिंबर स्टोर संचालक फैक्ट्री शिफ्ट करने की तैयारी में थे और संडीला में इसे स्थापित करना चाह रहे थे।


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